नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शिमला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उस सहायक निदेशक के परिसर में छापेमारी की है, जो रविवार को एक अभियान के दौरान एजेंसी को चकमा देकर फरार हो गये थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि शिमला में तैनात ईडी के सहायक निदेशक और उनके भाई विकास दीप, जो दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक में वरिष्ठ प्रबंधक हैं, एक व्यवसायी से कथित तौर पर रिश्वत की रकम लेने चंडीगढ़ गए थे। व्यवसायी पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज है।
अधिकारियों ने बताया कि व्यवसायी ने कथित जबरन वसूली के बारे में सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर एजेंसी की चंडीगढ़ इकाई ने एक योजना बनाई, जिसमें शिकायतकर्ता को अधिकारी को 55 लाख रुपये नकद रिश्वत देने के लिए कहा गया और सीबीआई के अधिकारी इस पर नजर रखे हुए थे।
उन्होंने बताया कि यह योजना बनाई गई थी कि कथित तौर पर रिश्वत प्राप्त करने के बाद सीबीआई आरोपी को पकड़ लेगी।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) से प्रतिनियुक्ति पर आए ईडी अधिकारी को कार्रवाई के दौरान सूचना मिल गई और वह नकदी लेकर मौके से फरार हो गया।
उन्होंने बताया कि एजेंसी पिछले छह दिन से उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि यहां तक कि उनका पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी भी शुरू की गई है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने शुक्रवार को उनके आवास पर छापेमारी की और लगभग 56 लाख रुपये की नकदी जब्त की।
उन्होंने बताया कि अब तक रिश्वत की रकम समेत लगभग एक करोड़ रुपये की नकदी बरामद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि फरार अधिकारी द्वारा भागने के लिए इस्तेमाल की गई कार भी ईडी कार्यालय में मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मामले के सिलसिले में विकास दीप को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया है।
एजेंसी मामले में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में उनसे पूछताछ कर रही है।
ईडी के सूत्रों ने बताया कि मामले के बाद शिमला उप-क्षेत्रीय कार्यालय के आरोपी सहायक निदेशक और उनके पर्यवेक्षी अधिकारियों- एक उप निदेशक और संयुक्त निदेशक (चंडीगढ़ स्थित) को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया है।
भाषा
देवेंद्र माधव
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