नई दिल्ली: सीबीआई विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है. सर्वोच्च अदालत ने लेकिन कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. राजीव कुमार के बचाव में ममता पिछले तीन दिनों से धरने पर संविधान बचाओ नारे के साथ बैठी हैं.
आज सीबीआई की याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को मानहानि याचिका पर नोटिस भेजा है. मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी. पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी मगर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई की वजह से हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई थी लेकिन अब यह सुनवाई सात फरवरी को होगी.
ममता बोली हमारी जीत हुई
अदालत के फैसले के ठीक बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नैतिक जीत बताया. उन्होंने कहा कि यह हमारी और बंगाल की नैतिक जीत है, हमारी और आपकी जीत है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कोलकाता में धरना स्थल पर मीडिया को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ‘आज की जीत हमारी नहीं देश की जनता और लोकतंत्र की जीत है. मोदी सरकार हमें ठीक से काम नहीं करने दे रही है. हमारे नेताओं को जान-बूझकर परेशान किया जा रहा है. मैंने बहुत सहा है. हमारे लोगों की बेइज्जती की जा रही है. हालात पर मेरा दिल रो रहा है.’
धरना खत्म करने का फैसला साथी नेताओं से बात करने के बाद
ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमने कभी सहयोग करने से मना नहीं किया. सीबीआई बिना नोटिस के कमिश्नर के घर गई थी.’ उन्होंने कहा कि वह सिर्फ राजीव कुमार के लिए नहीं बल्कि सभी देशवासियों के लिए धरने पर बैठी हैं जो मोदी सरकार के अत्याचार से परेशान है. केंद्र संविधान का उल्लंघन कर रहा है.’ मोदी हटाओ, देश बचाओ का नारा देते हुए ममता ने कहा कि 2019 में देश का हर व्यक्ति पीएम होगा. उन्होंने कहा, ‘मोदी जी ने संविधान को नष्ट कर दिया, गणतंत्र को नष्ट कर दिया. मेरा कहना है मोदी हटाओ और देश बचाओ.’ उन्होंने कहा कि मैं अदालत के फैसले का सम्मान करती हूं.
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अभी जल्दबाजी में मैं कोई जवाब नहीं दूंगी सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद पूरा जवाब दूंगी. धरना खत्म करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि मैं अपने नेताओं से बात करके बताउंगी कि धरना खत्म कर रही हूं. आज चंद्रबाबू नायडू आ रहे हैं, मैं इस मामले में नवीन पटनायक से भी बात करूंगी तब फैसला लूंगी कि धरना जारी रहेगा या नहीं.
उन्होंने एकबार फिर कहा, ‘मैं सीबीआई के अधिकारियों या फिर किसी भी एजेंसी के खिलाफ नहीं हूं. मेरा कहना है कि इन लोगों को राजनीतिक दबाव में काम नहीं करना चाहिए.’
एसआईटी ने लगाया सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप
सीबीआई की तरफ से आज अदालत में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बहस की उन्होंने कहा कि शारदा मामले में जांच कर रही एसआईटी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और मामले की जांच भी सही तरीके से नहीं की. एसआईटी ने सीबीआई को गलत कॉल्स डेटा दिया, डेटा और लैपटॉप को भी सुरक्षित नहीं रख पाई. साथ ही वेणुगोपाल ने कहा कि बंगाल में संवैधानिक संस्थाएं चरमरा गई हैं.
बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार और वहां के दूसरे अफसरों को परेशान कर रही है.
बहस सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पूछा कि राजीव कुमार को पूछताछ से क्या दिक्कत है? मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि कमिश्नर आखिर सीबीआई के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे हैं? चीफ जस्टिस ने यह भी पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार को हमारे जांच के आदेश से दिक्कत क्या है.
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद
रविवार रात सीबीआई की एक टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर चिटफंड घोटाले की पूछताछ और कुछ जानकारियों को जुटाने के लिए पहुंची. सीबीआई की टीम को राजीव के घर के बाहर ही रोक लिया गया और कुछ अधिकारियों को थाने ले गए जहां उन्हें कई घंटे तक रोक कर रखा गया. सीबीआई टीम की जानकारी मिलते ही आनन फानन में मुख्यमंत्री ममता राजीव कुमार के घर पहुंची और फिर उन्होंने वहीं से संविधान बचाओ नारे के साथ धरने पर बैठ गईं. उनके साथ राजीव कुमार भी धरने पर बैठ गए.