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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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सीबीआई अदालत ने चोकसी के खिलाफ आरोप पत्र का संज्ञान लेने के मजिस्ट्रेट अदालत का आदेश रद्द किया

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मुंबई, 15 जुलाई (भाषा) मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 22 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण धोखाधड़ी मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के मजिस्ट्रेट के आदेश को शनिवार को निरस्त कर दिया।

विशेष न्यायाधीश ने आरोप पत्र पर विचार करने संबंधी नए आदेश के लिए मामले को वापस मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, एस्प्लेनेड अदालत ने इस साल मार्च में चोकसी और मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया था।

हालांकि, चोकसी और सह-आरोपी ए. नायर ने सीबीआई अदालत के समक्ष एक समीक्षा आवेदन दायर किया और कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।

वकील विजय अग्रवाल और राहुल अग्रवाल के जरिये दायर याचिका में, आरोपी ने दावा किया कि निचली (मजिस्ट्रेट) अदालत यह समझने में विफल रही कि उसके मामले के समर्थन में सीबीआई द्वारा दायर दस्तावेज अस्वीकार्य सबूत थे और ऐसे दस्तावेजों के आधार पर लिया गया संज्ञान ‘कानून की दृष्टि से ठीक नहीं है।’’

जांच एजेंसी ने भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई) लिमिटेड द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत के आधार पर अप्रैल 2022 में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चोकसी और अन्य आरोपी 2014-2018 की अवधि के दौरान आईएफसीआई को धोखा देने की आपराधिक साजिश में शामिल थे। उसने आरोप लगाया है कि साजिश के तहत, चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (जीजीएल) ने मार्च, 2016 में 25 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के लिए आईएफसीआई से संपर्क किया।

चोकसी ने कथित तौर पर सरकार द्वारा अनुमोदित मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ऋण राशि से दोगुनी कीमत के गहने गिरवी रखे और आईएफसीआई ने गिरवी रखे गए आभूषणों और शेयर के आधार पर 25 करोड़ रुपये की पूरी ऋण राशि वितरित कर दी।

प्राथमिकी के अनुसार, कंपनी द्वारा कथित तौर पर भुगतान में चूक करने पर आईएफसीआई ने गिरवी रखे शेयर और आभूषणों से भरपाई करनी शुरू की। हालांकि, करीब चार करोड़ रुपये ही प्राप्त कर सका।

गिरवी रखे गहनों से भरपाई करने के लिए, आईएफसीआई ने उनका नए सिरे से मूल्यांकन किया, जिससे पता चला कि उनके मूल्यांकन में 98 प्रतिशत की गिरावट आई है।

आईएफसीआई ने आरोप लगाया है कि चोकसी ने मूल्यांकनकर्ताओं के साथ मिलीभगत की और मूल्यांकन बढ़वाया। यह भी दावा किया गया कि गिरवी रखे गए हीरे कम गुणवत्ता वाले लैब-निर्मित थे, असली नहीं, इस प्रकार 22.49 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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