नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (एमपीजेएनएल) को फर्जी बैंक गारंटी जमा करके सिंचाई परियोजनाएं हासिल करने के लिए कथित तौर पर 183 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में इंदौर स्थित तीर्थ गोपीकॉन के प्रबंध निदेशक को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जांच एजेंसी ने कहा कि सीबीआई ने कंपनी के प्रबंध निदेशक महेश कुंभानी और एक व्यक्ति गौरव धाकड़ को मध्य प्रदेश के छतरपुर, सागर और डिंडोरी जिलों में तीन सिंचाई परियोजनाओं को 2023 में 974 करोड़ रुपये में हासिल करने के लिए धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहले जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसने आरोप लगाया है कि कंपनी ने अनुबंधों के समर्थन में 183.21 करोड़ रुपये की आठ फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत की थी।
इसमें कहा गया है कि इन जाली गारंटियों के बल पर उसे एमपीजेएन से अग्रिम राशि के रूप में लगभग 85 करोड़ रुपये भी प्राप्त हुए।
एजेंसी ने पहले कहा था कि सीबीआई की जांच में कोलकाता स्थित एक गिरोह की संलिप्तता का पता चला है, जो कई राज्यों में सरकारी ठेके हासिल करने के लिए ‘‘व्यवस्थित रूप से फर्जी बैंक गारंटी तैयार कर रहा था।’’
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि एमपीजेएनएल को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के जाली डोमेन से धोखाधड़ी वाले ईमेल मिले, जिनमें बैंक गारंटी की प्रामाणिकता की झूठी पुष्टि की गई थी।
इन झूठी पुष्टियों पर भरोसा करते हुए एमपीजेएनएल ने कंपनी को 974 करोड़ रुपये के तीन अनुबंध दिए।
जून में सीबीआई ने पीएनबी के वरिष्ठ प्रबंधक गोविंद चंद्र हंसदा और कोलकाता से मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया था।
भाषा गोला दिलीप
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