नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर के मुख्य अभियंता और तीन अन्य को एक निजी कंपनी से 32 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने ‘भारतीय रेलवे इंजीनियर्स सेवा’ (आईआरएसई) के 2000 बैच के अधिकारी मुख्य अभियंता विशाल आनंद, उसके भाई कुणाल, झाझरिया निर्माण लिमिटेड के एमडी सुशील झाझरिया और कंपनी के एक कर्मचारी मनोज पाठक (जिसने रिश्वत की रकम पहुंचाई थी) को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने आनंद और झाझरिया निर्माण लिमिटेड सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘ आरोप है कि आरोपी मुख्य अभियंता (सीई), दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर), बिलासपुर, निजी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके फर्म के लिए अनुबंध हासिल करने और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में निष्पादित कार्य आदेशों में फर्म का पक्ष लेने के लिए निजी ठेकेदार से रिश्वत प्राप्त करने की भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे।’’
उन्होंने बताया कि बिलासपुर और रांची सहित कई स्थानों पर तलाशी ली गई।
बयान में कहा गया है कि आरोप है कि आनंद ने अपने भाई कुणाल को रांची में उसकी ओर से रिश्वत लेने का निर्देश दिया था।
झाझरिया निर्माण लिमिटेड एसईसीआर में छोटे और बड़े पुलों, रेलवे ओवरब्रिज, रेलवे अंडरब्रिज के निर्माण आदि कार्य करता है।
सीबीआई ने कहा कि झाझरिया और आनंद के बीच 21 अप्रैल को बिलासपुर स्थित आनंद के कार्यालय में मुलाकात हुई थी और यह तय हुआ था कि कंपनी के पक्ष में लंबित मामलों को अंतिम रूप देने के लिए रांची में कुणाल को 32 लाख रुपये की रिश्वत दी जाएगी।
इसमें कहा गया है कि झाझरिया ने अपने कर्मचारी पाठक को रांची में अधिकारी के एक रिश्तेदार को यह रकम पहुंचाने का निर्देश दिया था।
भाषा शोभना माधव
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