बेंगलुरु, तीन मई (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि वाराणसी की गंगा आरती की तर्ज पर मांड्या जिले में कृष्णा राजा सागर बांध के पास होने वाली कावेरी आरती धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाएगी।
सरकार का लक्ष्य दशहरा तक इस कार्यक्रम को शुरू करना है और वह लगभग 10,000 लोगों के आरती देखने के लिए व्यवस्था करने की योजना बना रही है।
शिवकुमार जल संसाधन विभाग के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कावेरी आरती के आयोजन पर चर्चा करने के लिए पर्यटन मंत्री एच. के. पाटिल, धार्मिक बंदोबस्ती मंत्री रामलिंगा रेड्डी, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री शिवराज तंगदागी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
उन्होंने कहा, ‘‘तैयारियां की जा रही हैं। कावेरी आरती केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है, हम तमिलनाडु और केरल की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को भी इसमें शामिल करने की योजना बना रहे हैं। हमने इस बात पर भी चर्चा की कि इसे सप्ताह में कितने दिन आयोजित किया जाना चाहिए और पूजा अनुष्ठानों का प्रारूप क्या होना चाहिए।’’
स्थान के बारे में शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि आरती सीधे बांध पर नहीं बल्कि पास के एक स्थान पर होगी, जहां से पानी बेंगलुरु की ओर बहता है। उन्होंने कहा, ‘यह सुरक्षा कारणों से है। तकनीकी समिति सटीक स्थान को अंतिम रूप देगी।’
दशहरा तक आरती शुरू होने की उम्मीद है। कर्नाटक से पुजारियों का एक दल अनुष्ठान करेगा।
भाषा अमित प्रशांत
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