बेंगलुरू, 12 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत जाति जनगणना रिपोर्ट में पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है। सरकारी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार, सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण (संक्षेप में जाति जनगणना) इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़े समुदायों को 51 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि इसमें तमिलनाडु और झारखंड का उदाहरण दिया गया है, जो पिछड़े वर्ग की आबादी के अनुसार क्रमशः 69 और 77 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) की कुल जनसंख्या 4,16,30,153 है।
रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने दावा किया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी क्रमशः 1,09,29,347 और 42,81,289 है।
भाषा
शुभम अविनाश
अविनाश
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