scorecardresearch
बुधवार, 30 अप्रैल, 2025
होमदेशजातिगत गणना समावेशी शासन और सामाजिक न्याय के लिए ऐतिहासिक कदम: भाजपा के सहयोगी दलों ने कहा

जातिगत गणना समावेशी शासन और सामाजिक न्याय के लिए ऐतिहासिक कदम: भाजपा के सहयोगी दलों ने कहा

Text Size:

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों ने जातिगत गणना की मोदी सरकार की घोषणा की सराहना करते हुए इसे सामाजिक न्याय और समावेशी शासन की दिशा में एक ‘‘ऐतिहासिक कदम’’ करार दिया।

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह समावेशी शासन के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘‘गंभीर प्रतिबद्धता’’ को रेखांकित करता है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक कदम अधिक सटीक आंकड़ों के आधार पर नीतियां बनाने में सक्षम बनाएगा जिससे देश में हाशिए पर पड़े समुदायों की जरूरतें पूरी होंगी। सबका साथ सबका विकास सिद्धांत से व्यवहार में विकसित हो रहा है, जिससे भारत में सामाजिक न्याय की नींव मजबूत हो रही है।’’

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इस घटनाक्रम को ‘बड़ी खुशी’ की बात बताते हुए कहा कि यह उनकी पार्टी की पुरानी मांग थी।

उन्होंने कहा कि विभिन्न जातियों की जनसंख्या का विवरण उनकी प्रगति के लिए योजनाएं बनाने तथा देश के विकास को गति देने में मदद करेगा।

शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे एक ‘ऐतिहासिक निर्णय’ बताया। उन्होंने इसे भारत में वास्तविक सामाजिक न्याय प्राप्त करने की दिशा में एक ‘‘निर्णायक कदम’’ करार दिया।

शिंदे ने कहा, ‘‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा प्रस्तुत समतापूर्ण और समावेशी समाज का सपना अब वास्तविकता बनने की राह पर है।’’

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि यह राष्ट्रीय हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय है और उनकी पार्टी लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह निर्णय देश के समतामूलक विकास में एक बड़ा कदम होगा और जातिगत गणना से ‘‘अधिक न्यायसंगत और केंद्रित नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।’’

जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह नीतीश कुमार ही थे जिन्होंने बिहार में जाति सर्वेक्षण कराकर विकास के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया।

कांग्रेस द्वारा सरकार के निर्णय का श्रेय लेने के बीच जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने ही जातिगत गणना की प्रथा बंद की थी और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा 2011 में किए गए जाति सर्वेक्षण में इतनी विसंगतियां थीं कि उसे जारी नहीं किया गया।

शिंदे ने झा के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जातिगत मुद्दों को उठाकर वोट बैंक की राजनीति की है।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments