नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने नौकरी के लिए नकदी मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सीबीआई से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ से चटर्जी के वकील एम एस खान ने कहा कि उनके मुवक्किल बिना किसी सुनवाई के दो साल से अधिक समय तक हिरासत में रह चुके हैं।
इसके बाद पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया और सुनवाई 20 मार्च के लिए स्थगित कर दी।
खान ने कहा कि उनके मुवक्किल को कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में जमानत दी गई थी।
उन्होंने कहा कि यद्यपि चटर्जी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी गई, लेकिन अन्य आरोपियों के खिलाफ मंजूरी के अभाव में निचली अदालत ने अभी तक आरोपपत्र पर संज्ञान नहीं लिया है।
चटर्जी को आठ मामलों में आरोपी बनाया गया है जिनमें तीन मामले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और पांच मामले सीबीआई की जांच से संबंधित हैं।
चटर्जी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह 16 सितंबर, 2022 से न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें ईडी ने 22 जुलाई, 2022 को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
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