नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर देर रात लगी आग के सनसनीखेज मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है:
रात करीब 11:35 बजे राजधानी स्थित 30 तुगलक क्रेसेंट स्थित उनके सरकारी आवास पर आग लगी, जिसके बाद उच्चतम न्यायालय की समिति की एक रिपोर्ट में न्यायमूर्ति वर्मा को पद से हटाने की सिफारिश की गई।
* 14 मार्च, 2025: दिल्ली स्थित 30 तुगलक क्रिसेंट स्थित वर्मा के सरकारी बंगले में रात करीब 11:35 बजे आग लग गई।
*15 मार्च: दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिकारियों ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर घटनास्थल का निरीक्षण किया।
*17 मार्च: दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय ने तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना से मुलाकात की।
* 20 मार्च: दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने प्रधान न्यायधीश के साथ तस्वीरें और वीडियो साझा किए।
* 20 मार्च: अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया ने न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर कथित रूप से अधजली नकदी मिलने की खबर दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने गहन जांच को लेकर प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा।
* 21 मार्च: प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति वर्मा से 22 मार्च दोपहर 12 बजे से पहले लिखित में जवाब मांगा। उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने पर भी विचार किया।
* 22 मार्च: न्यायमूर्ति वर्मा ने जवाब दिया, आरोपों को खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की। उच्चतम न्यायालय ने मामले से संबंधित फोटो और वीडियो सहित आंतरिक जांच रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड की।
* 28 मार्च: न्यायमूर्ति वर्मा को उनके मूल न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया। उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कहा कि उन्हें न्यायिक कार्य न सौंपा जाए।
* तीन मई: उच्चतम न्यायालय की समिति ने न्यायमूर्ति को कदाचार का दोषी पाया और उन्हें हटाने की सिफारिश की।
* आठ मई: तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग की क्योंकि न्यायमूर्ति वर्मा ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया।
भाषा
शुभम पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.