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Tuesday, 17 December, 2024
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यूपी में 7 एफआईआर में एक हजार से अधिक महिलाओं पर केस दर्ज, फिर भी रात-दिन जारी है एंटी सीएए प्रोटेस्ट

यूपी के विभिन्न शहरों में महिला प्रदर्शकारियों पर तमाम धाराओं में मुकदमे भी लगा दिए हैं. लेकिन इसके बावजूद उनके हौसलों में कमी नहीं आई है. उनका प्रदर्शन जारी है.

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लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ यूपी में महिलाएं आंदोलनरत हैं. दिल्ली के शाहीन बाग की तरह ही लखनऊ के क्लाॅक टावर व प्रयागराज में भी पिछले कई दिनों से दिन-रात विरोध प्रदर्शन जारी हैं. वहीं दूसरी तरफ इटावा, वाराणसी, अलीगढ़ और रायबरेली में पुलिस ने प्रदर्शकारी महिलाओं को हटाकर मैदान खाली करा लिया है. इन सभी शहरों में महिला प्रदर्शकारियों पर तमाम धाराओं में मुकदमे भी लगा दिए हैं. इसके बावजूद उनके हौसलों में कमी नहीं आई है. उनका प्रदर्शन जारी है.

1 हजार से अधिक महिलाओं पर एफआईआर

यूपी में अब तक 7 अलग-अलग एफआईआर में एक हजार से अधिक महिलाओं पर धारा 144 का उल्लंघन समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में 3, इटावा, प्रयागराज, अलीगढ़ व वाराणसी में एक-एक एफआईआर महिला प्रदर्शनकारियों पर की गई हैं. जिसमें लगभग तीन दर्जन महिलाएं नामजद हैं और सैकड़ों अज्ञात हैं. नामजद लोगों में मशहूर शायर मुन्नवर राना की बेटियां सुमैया राना व फौजिया राना, समाजवादी पार्टी की नेता ऋचा सिंह, पूजा शुक्ला समेत तमाम सोशल एक्टिविस्ट शामिल हैं.

कई जगह महिलाओं को जबरन हटाया

बीते गुरुवार पुलिस ने वाराणसी के बेनियाबाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को जबरन हटा दिया. इस दौरान युवाओं पर लाठीचार्ज भी किया. इसके बाद बेनियाबाग पर ताला जड़ दिया गया. वहीं, बीते बुधवार इटावा में पुलिस ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं. लगभग 200 महिलाओं समेत 900 से अधिक प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज कर लिया गया. महिलाओं ने पुलिस पर लाठीचार्ज और धमकी के भी आरोप लगाया. इसी तरह रायबरेली में गुरुवार को बलपूर्वक महिलाओं का प्रदर्शन बंद कराया गया. सोशल एक्टिविस्ट व स्वराज इंडिया पार्टी के संयोजक योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर पुलिस पर बर्बरता के आरोप लगाए.

इन सभी जिलों में पुलिस प्रशासन का कहना है कि धारा 144 का उल्लंघन हो रहा है और दंगा फैलाने की कोशिश की जा रही है इस कारण पुलिस को केस दर्ज करना पड़ रहा है.

प्रयागराज से हुई आंदोलन की शुरुआत

यूपी में शाहीन बाग के समर्थन में प्रोटेस्ट की शुरुआत प्रयागराज से हुई. 10 जनवरी को यहां के मंसूर अली पार्क में महिलाएं इकट्ठा हुईं और सीएए के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया. सामाजिक कार्यकर्ता सारा अहमद, चंदा बाजी व सपा नेता ऋचा सिंह यहां के आंदोलन में अहम भूमिका निभा रही हैं. सारा का कहना है कि जब तक सरकार सीएए वापस नहीं लेती ये आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, ऋचा ने दिप्रिंट को बताया कि धरने के दूसरे दिन ही पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन में 270 लोगों पर एफआईआर कर दी. इनमें 19 लोगों को नामजद किया गया है. लेकिन कोई भी हार नहीं मानने वाला. ऋचा के मुताबिक ये प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा.


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लखनऊ में एक हफ्ते से प्रोटेस्ट जारी

लखनऊ में 17 जनवरी से लगातार सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. यहां के घंटाघर इलाके में महिलाएं पिछले एक हफ्ते से लगातार प्रदर्शन कर रही हैं. इसके अलावा लखनऊ के ही गोमती नगर में भी महिलाओं का प्रोटेस्ट चल रहा है. पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर में दोनों जगह के प्रदर्शकारियों पर उपद्रव करने व धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया.

समाजवादी छात्रसभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूजा शुक्ला ने दिप्रिंट को बताया कि कई बार पुलिस ने इस प्रदर्शन को बंद कराने की कोशिश की. यहां तक की पुलिस रात में प्रदर्शनकारियों के कंबल तक उठा ले गई. लेकिन प्रदर्शन उतने ही जोर शोर से जारी है और जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता ये चलता रहेगा. पूजा ने कहा कि वह एफआईआर से डरने वाली नहीं हैं. ये लड़ाई आगे भी जारी रखेंगी. ये आंदोलन किसी दल का नहीं बल्कि आम औरतों द्वारा शुरू किया गया है.

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फोटो : सुमित कुमार

जेल से वापस लौटीं सोशल एक्टिविस्ट कांग्रेस नेता सदफ जाफर भी इस प्रदर्शन में एक्टिव हैं.

सदफ ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘मैंने जेल में ही फैसला कर लिया था कि सीएए-एनआरसी के खिलाफ लड़ाई आगे भी जारी रखूंगी. मुझे झूठे आरोपों में यूपी पुलिस ने फंसाया था.’ अभी भी कई प्रदर्शनकारियों को परेशान किया जा रहा है. किसी को बता दें कि सदफ को 19 दिसंबर को एंटी सीएए प्रोटेस्ट के दौरान दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. बाद में उन्हें बेल मिल गई.


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अमित शाह और योगी ने कसा था तंज

बीते मंगलवार लखनऊ में सीएए के समर्थन में हुई रैली में गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदर्शनकारियों पर तंज कसते हुए कहा था कि जिसे जो करना है कर ले सीएए अब वापस नहीं होने वाला. वहीं, महिला प्रदर्शनकारियों का पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते बुधवार कानपुर में एक जनसभा के दौरान कहा कि महिलाओं को आगे कर पुरुष रजाई ओढ़े सो रहे हैं. वे एंटी सीएए प्रोटेस्ट में हिंसा के बाद यूपी सरकार की कार्रवाई से इतना डर गए हैं कि महिलाओं को आगे कर रहे हैं. इन सभी प्रोटेस्ट पर प्रशासन अपने तरीके से निपटेगा.

ट्विटर पर ट्रेंड करा रहे हैशटैग

सीएम के इस तंज पर लखनऊ की प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे किसी से नहीं डरने वाली वो प्रोटेस्ट जारी रखेंगी. अपनी दादी के साथ प्रोटेस्ट कर रहीं ग्रेजुएशन स्टूडेंट राफिया खान का कहना है कि महिलाएं अपने आप हर दिन जुड़ती जा रही हैं. ट्वीटर पर ‘लखनऊ भी शाहीनबाग’ #Lucknow_bhi_Shaheenbagh का ट्रेंड भी चलाया जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनके प्रदर्शन के आगे झुकेगी.

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