मुजफ्फरनगर, 15 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में परिजनों द्वारा एक युवक के शव की गलत पहचान करने का मामला सामने आया है जबकि वह चंडीगढ़ में जिंदा मिला। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उसने बताया कि गलत पहचान के कारण 18 साल के जिस युवक का शव मान कर परिजन किसी अन्य के शव (जिसके बारे में यह माना जा रहा था कि युवक का शव है) का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे तभी उन्हें युवक के जीवित होने की सूचना मिली।
मंसूरपुर थाना के एसएचओ अखिल चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि 18 साल के एक युवक और एक युवती 29 अगस्त को घर से चले गए थे, लड़की के परिजनों ने युवक के खिलाफ अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने बताया कि बाद में नौ सितंबर को, मेरठ जिले में एक नाले से बिना सिर की लाश मिली थी। घर से भागे मोंटी नामक युवक के परिवार ने गलत तरीके से इसकी पहचान मोंटी के शव के रूप में की।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही परिवार के लोगों ने मोंटी की हत्या किये जाने का अरोप लगाया।
पुलिस ने बताया कि बरामद शव पर एक टैटू बना था, जो मोंटी के शरीर पर बने टैटू से मिलता जुलता था और इसकी वजह से परिवार ने उसकी पहचान गलत की।
उन्होंने बताया कि मोंटी का परिवार बृहस्पतिवार को जब शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था, तभी पुलिस ने मोंटी को चंडीगढ़ में ढूंढ लिया, जहां वह युवती के साथ रह रहा था।
मोंटी मंसूरपुर थाना क्षेत्र के नोना गांव का रहने वाला है।
चौधरी ने बताया कि गलत पहचान वाला शव मेरठ पुलिस को लौटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि महिला को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है और उसे अपना बयान दर्ज कराने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जायेगा।
भाषा आनन्द रंजन धीरज
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