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मंगलवार, 27 मई, 2025
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कपिल मिश्रा के खिलाफ मामला: अदालत ने निर्देशों का पालन करने में ढिलाई पर पुलिस को फटकार लगाई

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नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के संबंध में दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के ‘‘आपत्तिजनक बयानों’’ के लिए उनके खिलाफ दर्ज मामले में निर्देशों का पालन करने में ‘‘ढिलाई’’ के लिए दिल्ली पुलिस की खिंचाई की है।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि वह मामले की स्थिति और जांच एजेंसी की ओर से पर्याप्त स्पष्टीकरण न दिए जाने के बारे में पुलिस आयुक्त को अवगत कराने के लिए बाध्य हैं।

न्यायाधीश ने इससे पहले दिल्ली पुलिस के संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को मामले में सोशल मीडिया ‘एक्स’ से एकत्रित सामग्री पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

मिश्रा पर 23 जनवरी, 2020 को तत्कालीन दिल्ली विधानसभा चुनावों के संबंध में अपने ‘एक्स’ हैंडल से आपत्तिजनक बयान पोस्ट करने का आरोप है। निर्वाचन अधिकारी की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

न्यायाधीश ने 26 मई को पारित आदेश में कहा कि सुनवाई की पिछली तारीख आठ अप्रैल को संबंधित डीसीपी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि ‘एक्स’ से रिपोर्ट प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

न्यायाधीश ने कहा कि आगे की जांच के निर्देशों का पालन करने के लिए जांच एजेंसी की ओर से कोई भी मौजूद नहीं है।

उन्होंने कहा कि ‘‘इस अदालत द्वारा 20 मार्च, 20 अप्रैल, 10 मई, 15 मई, एक जून, एक जुलाई, 11 जुलाई, 22 जुलाई, 2024 तथा 20 मार्च और आठ अप्रैल, 2025 के आदेश-पत्रों के माध्यम से आरोपी के ट्विटर (अब ‘एक्स’) हैंडल के संबंध में साक्ष्य एकत्र करने के लिए बिना किसी चूक के प्रयास किया गया, ‘लेकिन व्यर्थ’ रहा।’’

न्यायाधीश ने कहा कि ‘‘इस अदालत के निर्देशों के संबंध में जांच एजेंसी की ढिलाई पर कोई भी कठोर टिप्पणी करने से पहले, यह अदालत मामले की स्थिति और जांच एजेंसी की ओर से समुचित स्पष्टीकरण न दिए जाने के संबंध में दिल्ली पुलिस के पुलिस आयुक्त के संज्ञान में लाने के लिए बाध्य है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि यदि किसी मंत्रालय की सहायता की आवश्यकता हुई तो दिल्ली पुलिस इसमें समर्थ है और ‘‘इसका सहारा लेने में संकोच नहीं करेगी।’’

न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस आयुक्त कार्यालय से आज के आदेश-पत्र की प्राप्ति की पावती भी मांगी। अदालत मामले में सात जुलाई को सुनवाई करेगी।

एक विशेष अदालत ने ‘‘आपत्तिजनक बयान’’ देने और 2020 में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए जारी समन के खिलाफ कपिल मिश्रा की याचिका सात मार्च को खारिज कर दी थी।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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