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Saturday, 23 August, 2025
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प्रधानमंत्री और संघ के ‘अभद्र’ व्यंग्य चित्र को लेकर कार्टूनिस्ट ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी

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इंदौर (मध्यप्रदेश), 23 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के अभद्र व्यंग्य चित्र सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप का सामना कर रहे इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट के लिए शनिवार को सोशल मीडिया पर माफी मांगी।

कार्टूनिस्ट ने अपने माफीनामे में शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया और कहा कि उसका किसी भी कार्टून या पोस्ट के जरिये किसी समुदाय, जाति या धर्म से जुड़ी भावनाओं को ठेस पहुंचाने, तनाव भड़काने या जान-बूझकर किसी पार्टी या व्यक्ति का अपमान करने का कोई इरादा या उद्देश्य कतई नहीं था।

मालवीय ने अपने फेसबुक पेज पर जारी माफीनामे की शुरुआत ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार’ के शीर्षक से की।

उन्होंने माफीनामे में कहा,‘‘मुझे एक मई 2025 को प्रकाशित अपनी फेसबुक पोस्ट पर गहरा खेद है। मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय को सम्मानपूर्वक कहता हूं कि मेरा किसी भी कार्टून या पोस्ट से किसी समुदाय, जाति, धर्म से जुड़ी भावनाओं को ठेस पहुंचाने, तनाव भड़काने या जान-बूझकर किसी पार्टी या व्यक्ति का अपमान करने का कोई इरादा या उद्देश्य कतई नहीं था।’’

मालवीय ने आगे लिखा कि उनका अपनी किसी भी फेसबुक पोस्ट से किसी सार्वजनिक व्यक्ति, संगठन या समुदाय का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था।

उन्होंने लिखा,‘‘अनजाने में हुए इस कृत्य का मुझे बहुत खेद है। मैं पूरे हृदय और ईमानदारी से बारम्बार क्षमा मांगता हूं। मैं यह मानता हूं और सर्वदा ध्यान रखूंगा कि भाईचारा और सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित करना मेरी भी जिम्मेदारी है और मैं भविष्य में इसका पूरा ध्यान रखूंगा।’

मालवीय ने अपने माफीनामे में एक मई की जिस विवादास्पद फेसबुक पोस्ट का जिक्र किया है, उसमें कथित तौर पर संघ और प्रधानमंत्री का अभद्र व्यंग्य चित्र साझा किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे कार्टूनिस्ट मालवीय के खिलाफ शहर के वकील और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विनय जोशी की शिकायत पर लसूड़िया पुलिस थाने में मई के दौरान प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

अधिकारियों के मुताबिक प्राथमिकी में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री डालकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के आरोप हैं।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका तीन जुलाई को कड़ी टिप्पणियों के साथ खारिज कर दी थी। इसके बाद कार्टूनिस्ट ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

अधिकारियों के मुताबिक प्राथमिकी में मालवीय के कार्टूनों को ‘अभद्र’, ‘आपत्तिजनक’ और ‘अमर्यादित’ बताते हुए आरोप लगाया गया है कि इन्हें हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि धूमिल करने के इरादे से सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि कार्टूनिस्ट के खिलाफ जिन प्रावधानों में मामला दर्ज किया गया, उनमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (अलग-अलग समुदायों के आपसी सद्भाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कृत्य), धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को जान-बूझकर ठेस पहुंचाना) और धारा 352 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान) के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67-ए (यौन क्रिया से जुड़ी सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में प्रकाशन या प्रसारण) शामिल हैं।

भाषा हर्ष

पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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