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Thursday, 26 December, 2024
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जापान में देखभालकर्ता, उज़्बेकिस्तान में ट्रांसलेटर, UAE में तकनीशियन — हरियाणा दे रहा है विदेशी नौकरियां

हरियाणा में चुनाव से महीनों पहले ये वैकेंसी निकाली गई हैं, जहां विपक्ष हरियाणा में बेरोज़गारी के मुद्दे को अभियान में शामिल कर सकता है.

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गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए अधिक विदेशी नौकरियों के लिए विज्ञापन दिया है — अब फिनलैंड, उज़्बेकिस्तान, जापान, यूके, यूएई, सऊदी अरब और इज़रायल में देखभाल करने वालों से लेकर ट्रांसलेटर्स तक की 41 कैटेगरियों की नौकरियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं.

इज़रायल के लिए 10,000 मज़दूर, यूके में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी अस्पताल के लिए 50 स्टाफ नर्स और दुबई में 50 बाउंसरों (सुरक्षा गार्ड) की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए जाने के कुछ दिनों बाद 31 दिसंबर को नौकरियां पोस्ट की गईं.

ताज़ा नौकरी विज्ञापनों में फिनलैंड में €2093.83 से €2123.16 (लगभग 1.85 लाख रुपये से 1.88 लाख रुपये) के मासिक वेतन पर और जापान में 96,800 रुपये से 1.3 लाख रुपये प्रति माह के मासिक वेतन पर देखभाल करने वालों के 50 पद शामिल हैं.

यूके में नर्स के 2,500 पदों के लिए £26,000-29,000/वर्ष (लगभग 27.6 लाख रुपये से 30.7 लाख रुपये) और उज़्बेकिस्तान में हिंदी, अंग्रेज़ी और रूसी भाषा के ज्ञान वाले ट्रांसलेटर्स के लिए 1,000 डॉलर/माह (83,243 रुपये) पर भी उम्मीदवारों की तलाश की जा रही है.

इज़रायल में मज़दूरी के लिए नौकरियों का विज्ञापन एक बार फिर दिया गया है.

आवेदन की अंतिम तिथि पांच जनवरी है.

सरकारी संस्थाओं के लिए संविदा कर्मचारियों की भर्ती के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित निगम, हरियाणा कौशल रोज़गार निगम (एचकेआरएन) लिमिटेड की आधिकारिक वेबसाइट पर दोनों दौर की वैकेंसी का विज्ञापन दिया है.

राज्य में चुनाव से महीनों पहले ये वैकेंसी निकाली गई हैं, जहां विपक्ष द्वारा हरियाणा में बेरोज़गारी — प्रमुख राज्यों में दूसरे सबसे बड़े  मुद्दे को अभियान में शामिल कर सकता है.

हरियाणा सरकार के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने कहा, “सरकार चाहती है कि जो युवा करियर के लिए विदेश जाना चाहते हैं, वे बेईमान एजेंटों के शिकार न बनें जो उनसे पैसे ठगते हैं और उन्हें अवैध तरीकों से विभिन्न देशों में भेजते हैं.”

उन्होंने कहा, “हमने हाल ही में देखा है कि कैसे 300 से अधिक भारतीयों, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, को लेकर निकारागुआ जा रहे एक विमान को फ्रांस ने रोक दिया और वापस भारत भेज दिया.”

यह पूछे जाने पर कि सरकार ने इज़रायल में वैकेंसी को फिर से क्यों विज्ञापित किया है, उन्होंने कहा कि एचकेआरएन को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और सरकार चाहती है कि चयन प्रक्रिया शुरू होने से पहले अधिक युवाओं को आवेदन करने का अवसर मिले.

विदेशी नौकरियों के लिए विज्ञापनों का पहला दौर 15 दिसंबर को 20 दिसंबर की समय सीमा के साथ जारी किया गया था.

विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस पहल की आलोचना की है, जिसमें “युद्ध प्रभावित” इज़रायल में नौकरियों के लिए हरियाणा से भी उम्मीदवारों की भर्ती निकाली गई है.

उन्होंने कहा, “हमने वर्तमान भाजपा-जजपा शासन के दौरान हरियाणा में बेरोज़गारी की सबसे खराब स्थिति देखी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने पिछले साल जनवरी के दौरान बेरोज़गारी दर 37.4 प्रतिशत रखी थी. राज्य सरकार राज्य के भीतर नौकरियां प्रदान करने में असमर्थ रही है और वे लोगों को प्रदान की जाने वाली विदेशी नौकरियों के लिए निजी सलाहकारों के साथ गठजोड़ करके युवाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, अगर सरकार लोगों को नौकरियां मुहैया कराने के प्रति गंभीर है, तो उसे “राज्य में खाली पड़ी हज़ारों नौकरियों” के लिए युवाओं की भर्ती करनी चाहिए.


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नौकरियों की पेशकश

विज्ञापित नौकरियों में 2,600 अरब अमीरात दिरहम (एईडी) (58,910.60 रुपये) या लगभग मासिक वेतन पर ‘हेवी बस ड्राइवर’ के 200 पद शामिल हैं. प्रति माह 2,500 AED (56,661.82 रुपये) पर ‘लाइट बस ड्राइवर्स’ के लिए अन्य 95 रिक्तियां हैं.

जापान में 2,40,000 येन (लगभग 1.42 लाख रुपये) प्रति माह पर रेस्तरां स्टाफ के 20 पद (पुरुषों के लिए 35 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 65 प्रतिशत) हैं.

अन्य विज्ञापन सऊदी अरब में तकनीशियनों की वैकेंसी से संबंधित हैं, जिनमें इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर, संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी और दुबई में एसी तकनीशियन शामिल हैं. संयुक्त अरब अमीरात में भी विशेष रूप से राजमिस्त्री, वेल्डर और सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाली महिलाओं की तलाश की जा रही है.

इनमें से किसी भी रिक्ति के लिंक पर क्लिक करने पर आवेदक राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के पेज पर पहुंचेगा, जो कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 2008 में स्थापित एक गैर-लाभकारी कंपनी है.

जबकि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के पास NSDC की शेयर पूंजी का 49 प्रतिशत हिस्सा है, निजी क्षेत्र के पास 51 प्रतिशत हिस्सा है.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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