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Monday, 4 November, 2024
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कनाडाई प्रशासन ने भारतीय दूतावास के सुरक्षा संबंधी अनुरोध को ‘जानबूझकर’ नजरअंदाज किया: विहिप

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नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले को चिंता का विषय बताया और आरोप लगाया कि कनाडाई प्रशासन से सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास के अनुरोध को ‘‘जानबूझकर’’ नजरअंदाज किया गया।

खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों की रविवार को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में लोगों के साथ झड़प हुई, जिसके बाद ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने एक कड़ा बयान जारी कर ‘भारत विरोधी’ तत्वों द्वारा किए गए हमले की निंदा की।

घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘कनाडा में हिन्दू मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा किया गया हमला बेहद निंदनीय है। वहां भारतीय दूतावास द्वारा एक शिविर का आयोजन किया गया था। दूतावास ने इसकी पूर्व सूचना तीन दिन पहले कनाडा सरकार को दी थी और उचित सुरक्षा का आग्रह भी किया था लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि कनाडा में मंदिर पर हमले की यह पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी ग्रेटर टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया और ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिरों पर हमले हो चुके हैं।

कुमार ने कहा कि अभी 31 अक्टूबर को दिवाली के अवसर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने वक्तव्य में यह कहा था कि ‘‘इंडो-कैनेडियन कनाडा के सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ट्रूडो ने यह भी कहा था कि हम हिन्दू कनाडाई लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे ताकि वे स्वतंत्र रूप से और गर्व से अपने धर्म का पालन कर सकें। उनकी यह घोषणा खोखली साबित हुई।’’

विहिप अध्यक्ष ने कहा कि कनाडा में ट्रूडो की लोकप्रियता कम हुई है और उनके ही सांसदों ने सार्वजनिक रूप से उनसे त्यागपत्र मांगा है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी कुर्सी खालिस्तानी समर्थक सांसदों पर टिकी है। इसलिए उनका खुला समर्थन खालिस्तानियों के साथ है। उनके इस रवैये के कारण भारत और कनाडा के बीच रिश्ते भी खराब हुए हैं। कनाडा देश के मूल सिद्धांत लोकतंत्र, कानून का राज और धर्मनिरपेक्षता का भी हनन है। हम हिन्दू मंदिर पर हुए हमले की भर्त्सना करते हैं।’’

कुमार ने कहा कि कनाडा की वर्तमान सरकार और खालिस्तानी समर्थकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वहां के हिंदुओं को भी अपनी आत्मरक्षा का अधिकार प्राप्त है और आवश्यकता पड़ने पर वह इसका प्रयोग करेंगे ही।

‘केनैडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पील क्षेत्रीय पुलिस ने रविवार को बताया कि ब्रैम्पटन के एक मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ और सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कुछ अपुष्ट वीडियो में प्रदर्शनकारी खालिस्तान के समर्थन में बैनर पकड़े नजर आए।

रिपोर्ट में कहा गया कि वीडियो में लोग एक-दूसरे पर घूंसे बरसाते और एक-दूसरे पर डंडों से हमला करते हुए नजर आए और यह घटना हिंदू सभा मंदिर के आसपास के मैदान में होती प्रतीत हो रही है।

ट्रूडो ने समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए ‘‘त्वरित कार्रवाई करने पर’’ स्थानीय प्राधिकारियों को धन्यवाद दिया।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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