नई दिल्ली: पीडीपी नेता महबूबा को मंगलवार को दिल्ली में जम्मू एंड कश्मीर प्रशासन द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हेंं हिरासत में ले लिया.
#WATCH | PDP leader Mehbooba Mufti detained by police during a protest in Delhi against J&K administration's anti-encroachment drive in the UT pic.twitter.com/3zovCMzxaT
— ANI (@ANI) February 8, 2023
महबूबा ने कहा कि यह अफगानिस्तान की तरह ध्वस्त किया जा रहा है. मुफ्ती को पीडीपी के कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया गया है.
भाजपा ने जम्मू कश्मीर को अफगानिस्तान बना दिया है : महबूबा मुफ्ती
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रदेश को अफगानिस्तान में बदल दिया है और वह अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत गरीब तथा वंचितों के मकान ढहाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही है.
महबूबा ने ट्वीट कर विपक्षी दलों से इस मामले को उठाने की अपील की थी. उन्होंने लिखा था, ‘मैंने सभी राष्ट्रीय विपक्षी नेताओं से अनुरोध किया है कि वे ‘अतिक्रमणकर्ताओं’ से ‘राज्य की भूमि को फिर से हासिल करने’ की आड़ में अपने ही लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार के विध्वंस अभियान का मुद्दा उठाएं. इसको लेकर कोई नोटिस नहीं दिया जाता है और न ही वे स्वामित्व का प्रमाण स्वीकार करते हैं. बस अमानवीय और अन्यायपूर्ण है.’
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश में विपक्षी नेताओं को ‘भाजपा द्वारा किए जा रहे अत्याचारों’ के प्रति मूकदर्शक न बने रहने की अपील भी की.
उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा अपने प्रचंड बहुमत का इस्तेमाल संविधान को ‘ढहाने’ के लिए कर रही है.
उन्होंने कहा था, ‘फलस्तीन फिर भी बेहतर है. कम से कम लोग बात करते हैं. जिस तरीके से लोगों के मकानों को ढहाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे तो कश्मीर की स्थिति अफगानिस्तान से भी बदतर हो रही है. लोगों के छोटे-छोटे मकानों को ढहाने का उद्देश्य क्या है.’
महबूबा ने कहा था कि सरकार के अनुसार सदियों पुराना शंकराचार्य मंदिर और तत्कालीन महाराजा द्वारा निर्मित छावनी भी अतिक्रमण की गयी जमीन पर बनायी गयी है.
पीडीपी नेता ने कहा था कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा यह दावा कर सकते हैं कि अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान गरीबों के मकानों को छूआ नहीं जाएगा, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका संदेश सुना नहीं जा रहा है, क्योंकि टिन की छत वाले मकान भी ढहाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा था कि ‘एक संविधान, एक विधान, एक प्रधान’ के शुरुआती आह्वान ने ‘एक देश, एक भाषा, एक धर्म’ की राह दिखायी, जिसमें कोई संविधान नहीं है.
उन्होंने कहा था कि संविधान के बारे में बात करने वाले व्यक्ति की आवाज दबायी जा रही है. उन्होंने पूछा था, ‘क्या अनुच्छेद 370 को हटाया जाना संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप था?’
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