कोलकाता, 14 जून (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में उन 269 शिक्षकों की नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया है, जिन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पात्रता परीक्षा पास नहीं की है।
सोमवार को आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने प्राथमिक शिक्षा बोर्ड सचिव रत्ना चक्रवर्ती बागची और अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को बाद में सीबीआई कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सीबीआई को प्राथमिक विद्यालयों में कथित अवैध नियुक्तियों के संबंध में मामला दर्ज करने और जांच शुरू करने का निर्देश दिया।
वर्ष 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में भाग लेने वाले याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि लगभग 23 लाख उम्मीदवारों में से 269 अभ्यर्थियों को गलत प्रश्न के लिए ‘एक’ अंक अतिरिक्त दिया गया था।
उसने दावा किया कि इन 269 उम्मीदवारों के नामों के साथ दूसरे पैनल को 2017 में प्रकाशित किया गया।
दूसरे पैनल को गैरकानूनी बताते हुए अदालत ने कहा कि इन 269 उम्मीदवारों की नियुक्तियां अमान्य है।
अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य के विभिन्न स्कूलों में पढ़ा रहे इन शिक्षकों का वेतन रोके जाए और उन्हें उनके संबंधित कार्य स्थलों पर प्रवेश करने न दिया जाए।
उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद चक्रवर्ती बागची और भट्टाचार्य सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए और चार घंटे से अधिक समय तक उनसे पूछताछ की गयी।
भाषा
गोला वैभव
वैभव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.