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Thursday, 25 September, 2025
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कैग ने ओडिशा में सीसीटीएनएस लागू करने में ‘गंभीर खामियां’ पाईं

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भुवनेश्वर, 25 सितंबर (भाषा) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने ओडिशा में अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (सीसीटीएनएस) के कार्यान्वयन में ‘गंभीर खामियों’ को चिन्हित किया है।

कैग ने सीसीटीएनएस की स्थापना (2013) से मार्च 2023 तक प्रणाली के प्रदर्शन और प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए आईटी ऑडिट किया है। निष्कर्ष कैग की नवीनतम रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए हैं, जिसे बुधवार शाम विधानसभा के समक्ष रखा गया।

ऑडिट से निजता भंग होने तथा जांच एवं अभियोजन में चूक का पता चला है। इसमें उन अधिकारियों द्वारा आरोप पत्र तैयार करना भी शामिल है, जिन्हें जांच अधिकारी (आईओ) के रूप में नामित नहीं किया गया था।

इसमें कहा गया है कि घटनाओं की क्रमबद्धता और कार्रवाई के तार्किक क्रम को लागू करने में गंभीर चूक हुई, जिसके कारण घटनाओं की रिकॉर्डिंग असंगत और अव्यवस्थित हो गई। प्राथमिकी दर्ज करने से पहले जनरल डायरी में उसकी प्रविष्टि नहीं की गई, और प्राथमिकी दर्ज करने से पहले ही गिरफ्तारी और जब्ती जैसी कार्रवाइयां रिकॉर्ड कर दी गईं, जो बिल्कुल तर्कहीन और अस्वीकार्य है।

ऑडिट में पाया गया कि 2018 से 2023 तक 217 थानों में 2,080 ऐसे मामले सामने आए, जहां आरोप पत्र उन अधिकारियों ने तैयार किए थे, जिन्हें संबंधित मामलों के लिए जांच अधिकारी के रूप में नामित नहीं किया गया था।

कैग ने यह भी पाया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की 5,566 गुमशुदगी की शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई जबकि ऐसा करना अनिवार्य था।

भाषा नोमान नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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