महाकुंभ नगर (उप्र), 22 जनवरी (भाषा) प्रयागराज में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वतंत्र अभियोजन निदेशालय की स्थापना को मंजूरी दे दी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह कदम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के कार्यान्वयन के अनुरूप है। इसका उद्देश्य राज्य में प्रभावी और निष्पक्ष अभियोजन सुनिश्चित करना है। इसमें कहा गया है कि यह निदेशालय स्वतंत्र रूप से काम करेगा, जिसमें राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार अभियोजन निदेशक और उप निदेशक नियुक्त किए जाएंगे।
बयान के अनुसार, ”भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के लागू होने के मद्देनजर प्रभावी एवं निष्पक्ष अभियोजन के लिए प्रदेश में एक स्वतंत्र अभियोजन निदेशालय स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जिसमें एक अभियोजन निदेशक और एक अभियोजन उप निदेशक हो सकेंगे।”
हर जिले में भी जिला अभियोजन निदेशालय स्थापित किया जाना प्रस्तावित है जिसमें एक-एक अभियोजन उप निदेशक और अभियोजन सहायक निदेशक हो सकेंगे।
अभियोजन निदेशक अभियोजन निदेशालय का प्रधान होगा। वह राज्य में गृह विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करेगा। कोई व्यक्ति अभियोजन निदेशक के रूप में नियुक्ति के लिए तभी पात्र होगा जब उसे अधिवक्ता/अभियोजक के रूप में काम करने का कम से कम 15 वर्ष का अनुभव हो या फिर वह सत्र न्यायाधीश हो अथवा वह इस पद पर रह चुका हो।अभियोजन निदेशक 60 वर्ष की आयु होने पर सेवानिवृत्त होंगे।
भाषा सलीम नोमान
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