scorecardresearch
Friday, 26 April, 2024
होमदेशनहीं थम रहा पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध, कैब को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, बना कानून

नहीं थम रहा पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध, कैब को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, बना कानून

असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ हो रहा हिंसक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है.

Text Size:

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है. एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है. असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ हो रहा हिंसक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूर्वोत्तर के कई राज्यों में स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए हैं वहीं को गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया.

गुवाहाटी में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं, खबर आ रही है कि भीड़ को काबू करने के लिए कई जगहों पर पुलिस को गोलियां भी चलानी पड़ी है. मेघालय और असम में तीन दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं जबकि असम में 31 ट्रेनों को या तो रद्द करना पड़ा है या उनका रूट बदल दिया गया. गुवाहाटी और शिलॉन्ग में कर्फ्यू जारी है जबकि डिब्रूगढ़ में आज कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में राहत दी गई है. हालात पर काबू पाने के लिए असम के कई जगहों पर अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं.

गुवाहाटी पुलिस प्रमुख हटाए गए

आयुक्त और सचिव (गृह एवं राजनीति) आशुतोष अग्निहोत्री ने बताया कि गुवाहाटी के पुलिस प्रमुख दीपक कुमार को हटाकर उनके स्थान पर मुन्ना प्रसाद गुप्ता को नियुक्त किया गया है. गुप्ता इससे पहले आईजीपी (प्रशिक्षण एवं सशस्त्र पुलिस में) तैनात थे.

कई अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों (एडीजीपी) और पुलिस अधीक्षकों (एपी) का भी तबादला किया गया है.

उन्होंने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल का स्थानांतरण कर पहले एडीजीपी (सीआईडी) बनाया गया था लेकिन आदेश में बाद में संशोधन किया गया और उन्हें अब एडीजीपी (सीमा) बनाया गया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

जीपी सिंह को अग्रवाल की जगह एडीपीजी (कानून एवं व्यवस्था) बनाया गया है.

अग्निहोत्री के मुताबिक, सिंह इससे पहले दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिरीक्षक पद पर तैनात थे.

अधिसूचना के मुताबिक, एडीजीपी (सीआईडी) एल आर बिश्नोई का पहले स्थानांतरण कर एडीजीपी (प्रशिक्षण एवं सशस्त्र पुलिस बल) बनाया गया था, लेकिन बाद में आदेश में संशोधन किया गया है और वह एडीजीपी (सीआईडी) के पद पर तैनात रहेंगे.

इसके अलावा आदेश में बताया गया है कि डिब्रुगढ़, जोरहट, धेमाजी, उदलगुरी, डिमा हासाओ, गुवाहाटी पूर्वी जोन, सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी और सीमा के पुलिस अधीक्षकों को भी बदला गया है.

गोवाहाटी पूर्व के पुलिस उपायुक्त रंजन भुइंया की जगह सुहासनी संकरा को तैनात किया गया है.

भुइंया को पुलिस उपायुक्त (यातायात) बनाया गया है.

उन्होंने बताया कि एडीजीपी एसएन सिंह और पुलिस उप महानिरीक्षक आनंद प्रकाश तिवारी को भी राज्य में कानून व्यवस्था की निगरानी के काम में लगाया गया है.

उल्लेखनीय है कि हजारों लोग गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन कर नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे. इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

बता दें कि नागरिकता विधेयक के इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था.

कानून के मुताबिक इन छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी. अभी तक यह समयसीमा 11 साल की थी.

share & View comments