लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सीएए और एनआरसी के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन तेज हो रहा है. लखनऊ के साथ वाराणसी, रायबरेली एवं आजमगढ़ में भी महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं.
राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ समाज के हर वर्ग की महिलाओं का घंटाघर पर धरना जारी है.
वाराणसी से मिली खबरों के अनुसार सीएए को वापस लेने की मांग को लेकर गुरुवार को महिलाओं ने बेनियाबाग मैदान में प्रदर्शन किया. तत्काल भारी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंचा और महिलाएं एवं युवाओं से मैदान खाली कराया.
आजमगढ़ के मुबारकपुर कस्बे के मोहल्ला हैदराबाद के कपूरा शाह दीवान की बाग़ में महिलाओं ने बुधवार को सीएए, एनआरसी और एनपीआर वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले यह प्रदर्शन किया गया, जिसमें आसपास के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.
रायबरेली में टाउनहाल में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे बुधवार को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी भी की. वरिष्ठ अधिकारियों के आग्रह के बावजूद महिलाओं ने प्रदर्शन जारी रखा.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह एलर्ट है और स्थिति पर निगाह रखे हुए है.
लखनऊ में महिलाएं और बच्चे पिछले शुक्रवार से प्रदर्शन कर रहे हैं. हाथ में तिरंगा और प्लेकार्ड लिए महिलाओं ने ‘इंकलाब जिन्दाबाद’ और ‘सीएए—एनआरसी वापस लो’ के नारे लगाये.
अमित शाह ने कहा था सीएए नहीं होगा वापस जिसे जितना विरोध करना हो कर ले
वहीं इससे पहले मंगलवार को लखनऊ में गृहमंत्री अमित शाह ने सीएए को लेकर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती और ममता बनर्जी को निशाने पर लिया था और कहा था कि सरकार सीएए को वापस नहीं लेगी जिसको जितना विरोध करना हो कर ले.
अमित शाह के मुताबिक सीएए के खिलाफ विपक्ष भ्रम फैला रहा है और देश को तोड़ने का काम कर रहा है.
अमित शाह ने कहा कि संसद के पिछले सत्र में जब हमारी सरकार बिल लेकर आई तो राहुल बाबा एंड कंपनी विरोध में काउ-काउ कर रही थी. इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने काम किया जा रहा है. अखिलेश यादव जो इतना विरोध कर रहे हैं अगर 5 मिनट भी सीएए पर बोलकर दिखा दें तो मानूं. ये लोग मुद्दे के बारे में पढ़ते ही नहीं हैं. अखिलेश रटे रटाए शब्द बोल देते हैं.
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)