नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार चंद्रपुरम पोन्नुसामी (सी.पी.) राधाकृष्णन विजयी घोषित हुए. राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए.
राज्यसभा के महासचिव एवं निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने चुनाव परिणामों की घोषणा की. कुल 781 सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल में से 767 ने मतदान किया (जिसमें एक डाक मतपत्र भी शामिल था). इनमें से 15 मत अवैध घोषित किए गए. मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे संपन्न हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत 760 से अधिक सांसदों ने मतदान किया. उप राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्य हिस्सा लेते हैं और इस चुनाव में व्हिप जारी नहीं होता.
निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित एवं 12 मनोनीत सदस्य तथा लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं. इस समय कुल 781 सदस्य मौजूद थे. हालांकि, बीजू जनता दल (बीजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने चुनाव से दूरी बनाए रखी.
राधाकृष्णन का सफर
77 साल के राधाकृष्णन देश के 15वें उप राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. वह किशोरावस्था में आरएसएस के स्वयंसेवक बने और जनसंघ से राजनीति में आए. 1990 के दशक में भाजपा के सांसद बने और समर्थकों के बीच उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ कहा जाता है.
उन्होंने 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा चुनाव जीता. हालांकि, बाद में लगातार तीन बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. तमिलनाडु में सभी राजनीतिक दलों में उनकी स्वीकार्यता रही है, जिसके चलते भाजपा ने उन्हें कई राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया.
राधाकृष्णन ने जुलाई 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली. इससे पहले वह झारखंड के राज्यपाल रहे और अतिरिक्त प्रभार के तौर पर तेलंगाना एवं पुडुचेरी का कार्यभार भी संभाला.
उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ. उनके पास बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातक की डिग्री है. राजनीति के साथ-साथ वह खेलों में भी सक्रिय रहे—कॉलेज स्तर पर टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे.
चुनाव नतीजों पर कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा भले ही संख्यात्मक रूप से जीती है, लेकिन नैतिक और राजनीतिक रूप से उसकी हार हुई है.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष एकजुट रहा. हमारे संयुक्त उम्मीदवार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी को 40% वोट मिले. 2022 के उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को सिर्फ 26% वोट मिले थे. भाजपा की आंकड़ों में जीत हुई है, लेकिन वास्तव में नैतिक और राजनीतिक दोनों तरह से यह उसकी हार है. वैचारिक लड़ाई अब भी जारी है.”