मलप्पुरम (केरल), एक जून (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को पूर्व विधायक और तृणमूल कांग्रेस के राज्य संयोजक पी. वी. अनवर की परोक्ष आलोचना करते हुए कहा कि विश्वासघात की एक बड़ी घटना के कारण राज्य के नीलांबुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है।
नीलांबुर में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए विजयन ने कहा कि एलडीएफ उम्मीदवार एम. स्वराज की सार्वजनिक छवि साफ है और मोर्चा उनके नाम पर विश्वास के साथ वोट मांग सकता है।
विजयन ने कहा, ‘‘सबसे बड़े विश्वासघात के कारण इस चुनाव की जरूरत पड़ गई। जिस समय से स्वराज को उम्मीदवार घोषित किया गया, तभी से उन्हें न सिर्फ नीलांबुर में बल्कि पूरे राज्य में मजबूत समर्थन मिला है।’’
अनवर 2021 में नीलांबुर से एलडीएफ समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुने गए और बाद में विजयन से मतभेद के बाद उन्होंने गठबंधन छोड़ दिया। मुख्यमंत्री के मुखर आलोचक अनवर ने पिनराई की नेतृत्व शैली का हवाला देते हुए कहा कि उनकी लड़ाई ‘पिनराईवाद’ के खिलाफ है।
खिलाफत आंदोलन के दौरान एरानाड और वल्लुवनाड क्षेत्रों में 1921 के मप्पिला विद्रोह का उल्लेख करते हुए विजयन ने कहा कि नीलांबुर की भूमि वरियामकुन्नाथ कुंजाहम्मद हाजी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों की गवाह है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह वो भूमि भी है जहां विश्वासघात हुआ – जहां कुछ लोगों ने वरियामकुन्नाथ पर कब्जा करने में अंग्रेजों की मदद की।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ने अनवर का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘इसी तरह, हम विश्वासघात के पीड़ित के रूप में इस चुनाव का सामना कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि एलडीएफ ऐसी असफलताओं से परेशान नहीं है और वह आत्मविश्वास तथा स्पष्ट जीत की प्रबल उम्मीद के साथ चुनाव लड़ रही है।
विजयन ने कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) का नाम लिए बगैर उस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जनता जानती है कि लोगों को गुमराह करना एलडीएफ का तरीका नहीं है।
राज्य में 19 जून को होने वाले उपचुनाव में मुख्य मुकाबला माकपा नेता एम स्वराज और कांग्रेस उम्मीदवार आर्यदान शौकत के बीच है।
विधायक पद से इस्तीफा देने वाले अनवर भी चुनाव लड़ रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को मोहन जॉर्ज को अपना उम्मीदवार घोषित किया।
भाषा यासिर संतोष
संतोष
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