बागपत (उत्तर प्रदेश), नौ फरवरी (भाषा) बागपत जिले के बड़ौत में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक जूता व्यापारी और उसकी पत्नी ने अपनी तंगी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताते हुए फेसबुक लाइव पर आत्महत्या का प्रयास किया। घटना में महिला की मौत हो गई है जबकि व्यापारी की हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बुधवार को बताया कि बड़ौत के सुभाष नगर निवासी जूता व्यापारी राजीव तोमर (40) ने मंगलवार दोपहर फेसबुक लाइव पर अपनी पत्नी पूनम (35) के सामने जहर खा लिया। उन्होंने बताया कि पूनम से उसे रोकने का प्रयास कियाथा, लेकिन असफल रहने पर उसने भी जहर खा लिया।
जादौन ने बताया कि पति-पत्नी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पूनम की मौत हो गई जबकि राजीव की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस तथा-कथित वीडियो में जूता व्यापारी राजीव ने अपनी मौत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि वह छोटे व्यापारियों और किसानों के हितैषी नहीं हैं।
वीडियो के अनुसार, राजीव ने कहा, ‘‘मेरी मौत के लिए मोदी जी जिम्मेदार होंगे। अगर मोदी जी में जरा भी शर्म है तो वह चीजों को बदलेंगे। मैं नहीं कहता कि उनकी हर बात गलत है, लेकिन वह छोटे व्यापारियों और किसानों के हितैषी नहीं हैं।’’
जब पूनम ने रोकना चाहा तो राजीव ने कहा, ‘‘गवर्नमेंट (सरकार) तो सुनती नहीं, तुम ही सुन लो।’’
परिजनों के अनुसार, ‘‘ राजीव की बावली रोड पर जूते की दुकान थी। मार्च 2020 में लगे लॉकडाउन में उसका व्यापार चौपट हो गया था। लंबे समय तक चले लॉकडाउन के कारण दुकान के अंदर रखे करीब छह लाख के जूते खराब हो गए थे। उसने कर्ज भी लिया था, जिस कारण वह काफी परेशान था।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है, ‘बागपत में एक व्यापारी और उसकी पत्नी की आत्महत्या के प्रयास, उसमें महिला की मृत्यु के बारे में जान कर बेहद दुःख हुआ। परिजनों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि राजीव को जल्द स्वास्थ्य लाभ मिले।’
प्रियंका ने लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में इसका जिक्र करते हुए कहा कि बागपत की घटना बेहद दुखद है और नोटबंदी तथा जीएसटी के बाद लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर छोटे तथा मझोले व्यापारियों पर ही पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस की बात यह है कि सरकार ने ऐसे व्यापारियों को कोई भी सहायता नहीं दी है।’’
भाषा सं सलीम अर्पणा
अर्पणा
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