लखनऊ, 10 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि उप्र वाणिज्यिक कार्यालयों और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए शीर्ष पसंदीदा राज्यों में शामिल हो गया है, जिसका कारण प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन और सहयोगी कारोबारी माहौल है।
एक बयान के मुताबिक राज्य की प्रमुख निवेश प्रोत्साहन एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ ने वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति 2024 के प्रचार-प्रसार और निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से लखनऊ के ताज होटल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कई बड़ी तकनीकी कंपनियों के अधिकारियों, वैश्विक निवेशक, नीति निर्माताओं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्तर प्रदेश को जीसीसी के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने पर मंथन किया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि “उप्र वाणिज्यिक कार्यालयों और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए शीर्ष पसंदीदा राज्यों में शामिल हो गया है, जिसका कारण प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन और सहयोगी कारोबारी माहौल है।”
उन्होंने कहा, “बुंदेलखंड में नोएडा जैसी एक नयी सिटी बनाने की योजना भी चल रही है, जिससे विकास का विकेंद्रीकरण होगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।”
इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मुख्य सचिव सिंह ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और उत्तर प्रदेश के तेज़ी से हो रहे आर्थिक परिवर्तन को एक अग्रणी निवेश गंतव्य के रूप में रेखांकित किया।
उन्होंने एक मजबूत औद्योगिक इकोसिस्टम बनाने के लिए राज्य की निवेश-अनुकूल नीतियों, आधुनिक अवस्थापना सुविधाओं और कुशल नीति क्रियान्वयन को श्रेय दिया। जहां एक ओर नोएडा–ग्रेटर नोएडा प्रमुख वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हब के रूप में उभर रहे हैं, वहीं राज्य के द्वितीय और तृतीय श्रेणी के शहर भी तेजी से विकास की ओर अग्रसर हैं। इसी प्रकार व्यापक लैंड बैंक विकसित कर बुंदेलखंड के झांसी को भविष्य के औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इन्वेस्ट यूपी के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने सभी हितधारकों से लगातार नीति सुधार के लिए सुझाव देने का आग्रह किया। राज्य की प्रगति पर उन्होंने कहा कि, “दिल्ली से दावोस” तक मैंने यूपी के परिवर्तन के बारे में लोगों से अच्छे और उत्साहवर्धक शब्द ही सुन रहें है।
उन्होंने कहा कि “अगर हम कृषि क्षेत्र को और मजबूत करें, तो राज्य की जीडीपी को कई गुना और बढ़ा सकते हैं साथ ही समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित कर सकते हैं।”
सम्मेलन के दौरान चर्चा चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित रही: रियल एस्टेट और वाणिज्यिक स्थान, जिसमें क्रेडई और आगामी बिल्डिंग बाई-लॉज़ शामिल हैं।गुणवत्तापूर्ण कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित कुशल व प्रतिभावन कार्यबल की उपलब्धता; संपूर्ण कारोबारी पारिस्थितिकी तंत्र; और बुनियादी ढांचे में सुधार।
करीब 20 कंपनियों ने इस आयोजन में भाग लिया।
बयान में कहा गया कि कई कंपनियों ने आगामी समय में उत्तर प्रदेश में जीसीसी में निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई। भविष्य में इसी प्रकार के जीसीसी सम्मेलनों के लिए एक रूपरेखा और कार्य योजना के संबंध में सूचित किया गया कि बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में इसी प्रकार के आयोजन प्रस्तावित हैं। इसके अलावा, अमेरिका और यूरोप के अंतरराष्ट्रीय विचार-मंचों को निवेश आकर्षित करने के लिए वैश्विक शहरों में रोडशो के लिए शामिल किया जाएगा।
भाषा
आनन्द, रवि कांत
रवि कांत
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.