नई दिल्ली: मोदी सरकार में पर्यटन राज्य मंत्री केजे अल्फोंस ने केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच चल रही रस्साकसी और सीबीआई के तोता कहे जाने पर कहा कि नौकरशाह को सिर्फ संविधान के प्रति निष्ठावान होना चाहिए. उसे किसी नेता या राजनेता के आदेश का पालन करने की जरूरत नहीं है. उसकी निष्ठा सिर्फ संविधान और देश के प्रति होती है. वहीं उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार के मामले में भारी कमी आई है. उन्होनें कहा,’एक बात हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि पीएम मोदी ने दिल्ली से भ्रष्टाचार का सफाया कर दिया है.’
दिप्रिंट के कार्यक्रम ‘ऑफ द कफ’ में इस बार मेहमान बने मोदी सरकार में पर्यटन राज्य मंत्री केजे अल्फोंस. इस कार्यक्रम में उनसे देश के मौजूदा हालात को लेकर तमाम सवाल पूछे गए. जिसका उन्होंने बहुत ही बेबाकी से जवाब दिया.
पर्यटन में हैं रोजगार की संभावनाएं
मोदी सरकार में बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ी है. इसपर उन्होंने बहुत बेबाकी से कहा कि अकेले पर्यटन के क्षेत्र में पिछले वर्षों में 82 मिलियन लोगों को रोजगार दिया है. पर्यटन के क्षेत्र में सबसे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है और हमने नौकरियां सृजित भी की हैं. पर्यटन के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होनें कहा कि दुनिया में शांति के लिए सबसे अच्छा तंत्र पर्यटन है. यह आतंकवाद के लिए सबसे अच्छी दवा है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में चौतरफा काम हो रहा है. इसी के मद्देनजर हेरीटेज सिटीज को सजाया और संवारा गया है. स्वच्छ भारत अभियान का भी पर्यटन पर बड़ा असर पड़ा है.
उन्होंने कहा कि हम पर्यटक स्थलों पर ध्यान दे रहे हैं इसी कड़ी में हम्पी को विश्वस्तर का धरोहर बनाने की ओर काम चल रहा है. प्रतिदिन हम्पी को देखने के लिए हजारों पर्यटक विदेशों से आ रहे हैं. हमने इसे 10 प्रतिष्ठित धरोहर में से एक के रूप में चुना है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की ओर भी बढ़ावा दे रही है और हम्पी को बढ़ावा देने के लिए इसे गोद भी दिया जा सकता है.
यही नहीं उन्होंने इस कार्यक्रम में मोदी के कार्यकाल की जमकर तारीफ की. अल्फोंस ने कहा कि ‘मोदी सरकार ने पिछले चार वर्षों में यह सुनिश्चित किया है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को सभी बुनियादी सुविधाएं मिले. यही गरीबी हटाओ है.’
आईएएस रहे हैं के जे अल्फोंस
एक ज़माने में केरल कैडर के अधिकारी रहे केजे अल्फोंस ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई पन्नों को साझा किया. उन्होंने बताया कि किसी जमाने में उनके जेब में पिस्टल रहती थी, अब वो मोदी सरकार में मंत्री हैं. राजनीति में आने से पहले वह डीडीए में अधिकारी थे, तब उन्होंने दिल्ली के भू माफ़ियों से लोहा लिया था.
उन दिनों को याद करते हुए केजे अल्फोंस ने बताया, ‘जब मैं डीडीए में कमिश्नर था तब किसी भी भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया था.’ उन्होंने कहा, ‘अब मैं नेता हूं लेकिन जब मैं आईएएस अधिकारी था तब भी अपने लोगों का बड़ा ध्यान रखता था.’ उन्होंने बताया, ‘मैंने आईएएस अधिकारी रहते हुए किसी भी कर्मचारी को नुकसान नहीं पहुंचाया.’
केजे अल्फोंस ने कहा, ‘मेरे लिए सत्ता का मतलब लोगों के चेहरे पर खुशी लाना हैं. मैं लोगों के लिए हूं, न कि पुलिस या आईएएस अधिकारी से अभिवादन करवाने के लिए हूं.
आठ साल के राजनीतिक करियर में नागपुर यात्रा नहीं की
केजे अल्फोंस ने कहा, ‘मैं आठ साल से बीजेपी के साथ हूं. लेकिन मैं कभी नागपुर नहीं गया.’
सबरीमाला से लेकर बीफ मुद्दे पर रखी बेबाक राय
सबरीमाला के मुद्दे पर जवाब देते हुए उन्होनें कहा, ‘हम सबरीमाला से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहते हैं. पार्टी का कहना है कि हमें लोगों की परंपराओं और भावनाओं का सम्मान करने की आवश्यकता है. यह सिर्फ हिंदुओं का मुद्दा नहीं है. अयप्पन सभी के भगवान हैं.’
बीफ के मसले पर बात करते हुए उन्होनें कहा ‘लोगों को प्रत्येक राज्य में यह तय करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे क्या खाना चाहते हैं. निर्णय प्रत्येक राज्य के लोगों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए. अब जब आम चुनाव की तारीख कभी भी आ सकती है और एक बार देश अपने मत का प्रयोग करने वाली है, ऐसे में भाजपा की सत्ता में वापसी पर उन्होंने कहा, हम वापस सरकार बना रहे हैं.
उन्होंने पूछा कि ‘क्या कोई संदेह है कि यह सरकार सत्ता में वापस नहीं आएगी. मोदी सरकार ने देश की दशा और दिशा पिछले चार वर्षों में बदल दी है. इस देश के लिए बहुत कुछ करने के बाद, और वापस पटरी पर लाने के बाद हम सत्ता में फिर आएंगे और सरकार बनाएंगे.’