नई दिल्ली: हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद खट्टर सरकार द्वारा अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने फिलहाल तोड़-फोड़ रोक दिया है. नूंह के उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को अवैध निर्माण पर चलाए जा रहे बुलडोजर को रोकने का आदेश जारी किया है.
बता दें कि बीते 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद सरकार एक्शन मूड में थी. प्रशासन की ओर से हिंसा में शामिल आरोपियों के अवैध निर्माण और दुकानों को गिराया जा रहा था.
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में खट्टर सरकार से बुलडोजर चलाए जाने की सारी जानकारी मांगी है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अबतक कितने घरों, दुकानों और संपत्तियों को गिराया गया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए एडवोकेट जनरल एजी बलदेव महाजन पहुंचे थे.
हालात सामान्य, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद अब क्षेत्र के हालात सामान्य हैं. 31 जुलाई के बाद अभी तक कुछ भी अप्रिय घटना नहीं हुई है. चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है. हिंसा के आरोपी लोगों की खोज में पुलिस जुटी है. अब तक हिंसा को लेकर 56 एफआईआर दर्ज किए गए हैं जबकि लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
इससे पहले नूंह जिला प्रशासन ने बताया था कि इलाके में अब तक 37 जगहों पर 57.5 एकड़ जमीन से अवैध निर्माण को हटा दिया गया है. लगभग 162 स्थाई और 591 अस्थाई निर्माण को गिराया जा चुका था.
नूंह के डीएम ने कहा था कि जिला प्रशासन ने पहले ही सबको अवैध अतिक्रमण हटाने का आर्डर दिया था लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी रहेगा.
बता दें कि 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान दो समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी. इस दौरान यात्रा में शामिल लोगों पर पत्थर बरसाए गए. जिसके बाद दोनों समुदाय के लोगों के बीच तेज झड़प हो गई. हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि लगभग 70 लोग घायल हो गए.
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