scorecardresearch
गुरूवार, 15 मई, 2025
होमदेशबुलंदशहर में साधुओं की हत्या- पुलिस का कहना कि चिमटा चुराने पर हुआ विवाद, भांग के नशे में युवक ने मारा

बुलंदशहर में साधुओं की हत्या- पुलिस का कहना कि चिमटा चुराने पर हुआ विवाद, भांग के नशे में युवक ने मारा

बुलंदशहर के एसएसपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग न दें इसीलिए आरोपी का नाम बता दिया गया है. ये आपसी विवाद के कारण हत्या का मामला है जिसमें पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी.

Text Size:

लखनऊ/बुलंदशहर: महाराष्ट्र के पालघर में बीते दिनों हुई दो संतों की हत्या के बाद अब उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में साधुओं की हत्या का मामला सामने आया है. सोमवार देर रात बुलंदशहर के गांव पगोना में स्थित शिव मंदिर में दो साधुओं की हत्या कर दी गई. मंगलवार सुबह जब गांव के लोग मंदिर में पहुंचे तो उन्हें साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में उसी गांव से एक युवक को गिरफ्तार किया है.

बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने दिप्रिंट को बताया, ‘गिरफ्तार किए गए 25 वर्षीय युवक का नाम राजू उर्फ मुरारी है. वह उसी गांव का रहने वाला है. उसने दो दिन पहले साधुओं का चिमटा गायब कर दिया था जिसके चलते साधुओं ने उसे डांटा था. प्रथम दृष्टया तो यही लग रहा है कि इसी कारण उस व्यक्ति ने दोनों साधुओं को मारा. ये पुलिस को नशे की हालत में मिला है. गांव के लोग बता रहे हैं कि आरोपी युवक अक्सर भांग का नशा करता था. फिलहाल आरोपी गिरफ्त में है, इसका मेडिकल कराया जा रहा है’.

एसएसपी के मुताबिक, नशे में आरोपी हत्या की बात स्वीकार कर रहा है. ये भी बता रहा है कि डंडे से इसने हत्या की थी न कि किसी धारदार हथियार से. पुलिस ने फिलहाल हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है और घटना स्थल से डंडे को भी बरामद कर लिया है. एसएसपी ने ये भी कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग न दें इसीलिए आरोपी का नाम बता दिया गया है. ये आपसी विवाद के कारण हत्या का मामला है जिसमें पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी. फिलहाल धारा 302 के तहत मर्डर के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया है.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, बुलंदशहर के गांव पगोना में बने शिव मंदिर में पिछले करीब 10 साल से साधु जगनदास (55 वर्ष) और सेवादास (35 वर्ष) रहते थे. गांव के लोगों का अक्सर वहां आना-जाना लगा रहता था. आरोपी युवक राजू भी वहां आता रहता था. उसको चिमटा चुराने के आरोप में दो दिन पहले साधुओं ने डांट कर भगाया था जिसको लेकर वह नाराज चल रहा था. बुलंदशहर पुलिस के मुताबिक, आरोपी को घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव से अर्द्धनग्न अवस्था में गिरफ्तार किया गया तब वह नशे में था.

सोशल मीडिया पर पालघर से हो रही तुलना

सोशल मीडिया पर लोग इस मामले की तुलना पालघर में हुई साधुओं की हत्या से कर रहे हैं और पोस्ट कर रहे हैं.

इस पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है- ‘भयानक! बुलंदशहर, यूपी के एक मंदिर में दो साधुओं की हत्या, लेकिन मैं सभी से अपील करता हूं कि वे इसे सांप्रदायिक न बनाएं, जिस तरह से कुछ लोगों ने पालघर मामले में करने की कोशिश की’.


यह भी पढ़ें: कोविड ने साबित किया है कि हमने लाइफ साइंस अनुसंधान पर पर्याप्त खर्च नहीं किया है, अब समय कुछ करने का है


यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है- ‘यूपी के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है. इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.’

बीजेपी यूपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि बुलंदशहर में साधुओं की हत्या अत्यंत पीड़ा जनक है. हत्यारे अर्ध विक्षिप्त मुरारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बुलंदशहर की घटना की तुलना पालघर माॅब लिंचिंग से उचित नहीं है. पालघर में साधुओं की हत्या पुलिस की मौजूदगी में हुई थी, पालघर षड्यंत्र है, जिसका खुलासा होना ही चाहिए.

share & View comments