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Sunday, 22 September, 2024
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बजट: सरकार की शहरी योजना में बड़े बदलाव की योजना, विशेषज्ञ समिति के गठन का प्रस्ताव

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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि शहरी योजना के प्रति ‘जैसा चलता है, चलने दो’ का रुख काम नहीं करेगा और सरकार देश में तीव्र शहरीकरण के मद्देनजर एक बड़े बदलाव की योजना बना रही है।

उन्होंने 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए नीतिगत मामलों, क्षमता निर्माण एवं क्रियान्वयन पर सुझाव के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 48,000 करोड़ रुपये से 80 लाख सस्ते घर बनाए जाएंगे। ये घर शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों, दोनों स्थानों पर होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ जब (आजाद) भारत सौ साल का हो जाएगा तब हमारी करीब आधी जनसंख्या के शहरी क्षेत्रों में वास करने की संभावना है। उसके लिए तैयारी करने के लिए व्यवस्थित शहरी विकास का बड़ा महत्व है। इससे जनसांख्यिकी लाभांश के लिए आजीविका के अवसर समेत देश की आर्थिक संभावना को साकार करने में मदद मिलेगी।’’

उन्होंने उसके लिए बड़े शहरों के संवर्धन एवं उनके अंदरूनी क्षेत्रों के आर्थिक वृद्धि के क्षेत्र के रूप में तब्दील करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों को भविष्य में बागडोर आगे ले जाने की सुविधा देनी होगी। इसके लिए फिर से हमें महिलाओं एवं युवकों समेत सभी के लिए अपने शहरों की संपोषणीय जीवन केंद्र के रूप में परिकल्पना करने की जरूरत है।’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘ हमारी एक बड़े बदलाव को ओर बढ़ने की योजना है। प्रतिष्ठित शहरी योजनाकारों, शहरी अर्थशास्त्रियों एवं संगठनों की एक उच्च स्तरीय समिति की एक उच्चस्तरीय समिति शहरी क्षेत्र की नीतियों, क्षमता निर्माण, नियोजन, क्रियान्वयन एवं शसन पर सिफारिशें देने के लिए गठित की जाएगी।’’

सीतारमण ने कहा, ’’पीएमएवाई योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में चिन्हित पात्र लाभार्थियों के लिए 80 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें शहरों और ग्रामीण दोनों इलाके के घर शामिल है और इसके लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी आवश्यक भूमि और निर्माण संबंधी मंजूरियों को लेकर समय कम करने के लिए राज्यों के साथ काम करेगी, ताकि शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवास को बढ़ावा दिया जा सके।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हम मध्यस्थता की लागत में कमी के साथ-साथ पूंजी तक पहुंच बढ़ाने के लिए वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ भी काम करेंगे।

भाषा राजकुमार सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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