नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) केंद्रीय बजट 2025-26 में महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय को 26,889.69 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2024-25 के 23,182.98 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक है।
संपूर्ण परिव्यय में सबसे बड़ा आवंटन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के लिए है, जिसे कुपोषण से निपटने और प्रारंभिक बचपन देखभाल को बेहतर करने के लिए 21,960 करोड़ रुपये मिले हैं।
वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान में संबंधित पहलों के लिए 20,070.90 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
सीतारमण ने लगातार आठवां बजट पेश करते हुए कहा कि सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम 8 करोड़ से अधिक बच्चों, एक करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 20 लाख किशोर लड़कियों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इन पोषण संबंधी सहायता (कार्यक्रमों) के लिए लागत मानदंडों को तदनुसार बढ़ाया जाएगा।’’
इसके अलावा, विशेष रूप से कमजोर 75 जनजातीय समूहों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के लिए 120 करोड़ रुपये का कोष आवंटित किया गया है।
बाल संरक्षण सेवाओं पर केंद्रित मिशन वात्सल्य का बजट पिछले साल के 1,391 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,500 करोड़ रुपये हो गया है।
महिला सशक्तीकरण के लिए मिशन शक्ति के वास्ते 3,150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें दो प्रमुख घटकों- ‘संबल’ और ‘सामर्थ्य’ के वास्ते महत्वपूर्ण धन प्राप्त करना जारी है।
बजट में निर्भया कोष के तहत अन्य योजनाओं के लिए 30 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान भी शामिल है।
स्वायत्त निकायों में, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को उनके संचालन के लिए क्रमशः 28 करोड़ रुपये और 25 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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