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Friday, 19 April, 2024
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बजट 2019: किसानों पर मेहरबान सरकार, अब गांवों के वि​कास पर जोर

वित्तमंत्री ने कहा कि दस हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे. भारत जिस तरह से दाल में आत्मनिर्भर हो गया है उसी तर्जपर हम ​तिलहन में भी कामयाबी हासिल करेंगे.

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नई दिल्ली: मोदी सरकार दो के बजट 2019 में किसान और गांव पर विशेष जोर दिया गया है. वित्तमंत्री निर्मला ​सीतारमण ने अपने बजट में महात्मा गांधी की बातों को याद​ दिलाकर उसे दोहराया. उन्होंने कहा कि असल भारत गांव में बसता है. गांव और किसान उनकी हर योजना का केंद्र बिंदु होगा. इसके अलावा किसानों को व्यापार करने और जीवन को आसान करने के लिए के लिए कई महत्वपूर्ण कदम सरकार उठाएंगी. उन्होंने कहा कि किसानों को उस स्थिति में पहुंचाना है जहां पर जीरो बजट पर खेती कर सके. इस तरह की खेती से उन्हें किसी भी प्रकार के बाजार पर निर्भर नहीं होना पड़ता है जो बेहद सस्ती भी है.

वित्तमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांच में निवेश कर रही है.दस हजार नई किसान उत्पादक कंपनी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वित्तमंत्री ने कहा कि दस हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे. भारत जिस तरह से दाल में आत्मनिर्भर हो गया है उसी तर्जपर हम ​तिलहन में भी कामयाबी हासिल करेंगे.

वित्तमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने पर काम करेगी. हमारी सरकार आजादी की 75 वीं वर्षगांठ तक किसानों की आय दोगुनी करने पर जोर देगी. इसके अलावा सरकार कृषि अवसंरचना में निवेश करेगी.इसके अलावा किसान उत्पाद से जुड़े कामों में निजी उद्यमियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा.

वित्तमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्‍य है कि साल 2024 तक गांव के हर घर तक जल पहुंचा जाए. इसमें हर घर में टंकी से पानी पहुंचाया जाएगा. यह काम जल जीवन मिशन के तहत होगा. इसमें कोशिश होगी कि हर घर तक साफ पानी पहुंचाया जाए. इसके अलावा सरकार का गांवों में प्रधानमंत्री आवास योजना के 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है.इसके अलावा सरकार 2022 तक सभी गांवों के परिवारों को बिजली,गैस की सुविधाएं मुहैया करवाएगी.

वित्तमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 2014 के बाद से अब तक देश में 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुए है. 5.6 लाख गांव आज खुले से शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं.

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