जैसलमेर, 24 मई (भाषा) कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले ने पूरे देश के साथ साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सैनिकों को भी आक्रोशित कर दिया था और पड़ोसी देश के साथ संघर्ष छिड़ने पर उन्होंने सीमावर्ती चौकियों पर कमान संभाली।
सीमा सुरक्षा बल की सैनिक जसबीर ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले पर उन्हें बहुत गुस्सा आया।
उन्होंने कहा, ‘हम भी शादीशुदा हैं और पहलगाम हमला हुआ तो हमें भी बहुत गुस्सा आया। हमने उन महिलाओं का दर्द महसूस किया जिन्होंने अपने पति खो दिए।”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से दुश्मन को जवाब मिल गया है।
जसबीर ने कहा, “उनकी हरकत का जवाब उन्हें मिल गया है। अगर आइंदा ऐसी हरकत करेंगे तो उसका जवाब भी मिलेगा।”
राजस्थान के चार जिलों – श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर की 1,070 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है।
जसबीर ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देने वाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की भी प्रशंसा की और कहा कि महिला अधिकारियों को वहां देखना गर्व का क्षण था।
उन्होंने कहा, ‘बहुत गर्व की बात थी। हमें बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने इतना अच्छा काम किया और हमारे देश का नाम रोशन किया।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान वालों को भी पता चला कि भारत से पंगा लेना कोई आसान बात नहीं है।”
एक अन्य सैनिक सरिता ने कहा कि पहलगाम हमले के तुरंत बाद उन्हें पुरुषों के साथ तैनात किया गया था।
उन्होंने कहा,’ड्रोन उड़े, संदिग्ध हरकतें देखी गईं, लेकिन हमारे बलों ने हर कोशिश को विफल कर दिया। दिन हो या रात, हालात चाहे जो भी रहे हों हम ड्यूटी पर तैनात थे।”
सैनिक सोनल ने हमले के बाद की भावनात्मक स्थिति को याद करते हुए कहा, ‘पहलगाम के आतंकी हमले में कई महिलाओं के पतियों को निशाना बनाया गया। यह हमारे सिंदूर पर सीधा प्रहार था। पाकिस्तान का तो ऐसी हरकतों का इतिहास रहा है लेकिन अब हम हमेशा तैयार और सतर्क रहते हैं।’
सैनिक ने कहा, “पाकिस्तान की हर कोशिश को नाकाम किया है। आगे भी करेंगे।’
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सात मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू करते हुए पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। बदले में, पाकिस्तान ने जैसलमेर, बाड़मेर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों समेत कई स्थानों पर नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की विफल कोशिश की।
इस बीच सीमा पर भीषण गर्मी को देखते हुए बीएसएफ ने अपने जवानों के लिए कई कदम उठाए हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि जवानों के शरीर में पानी की उचित मात्रा बनाए रखने के लिए ड्यूटी पॉइंट पर वाटर कूलर, नींबू पानी, छाछ की व्यवस्था की गई है।
अधिकारी ने कहा, ‘रेगिस्तान में पारा 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है और बाहर निकलना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन बीएसएफ के जवान और अधिकारी पूरी तरह से सतर्क हैं और ड्यूटी पर तैनात रहते हैं।’
भाषा पृथ्वी नेत्रपाल जोहेब
जोहेब
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