कोलकाता, 26 अप्रैल (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए जाने के बारे में बीएसएफ महानिदेशक (डीजी) से बात की है और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उन्हें सुरक्षित वापस लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आरक्षी पूर्णम कुमार साहू को पाक रेंजर्स ने बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर जिले के एक खेत से पकड़ लिया था। साहू पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
बनर्जी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने अभी-अभी बीएसएफ के डीजी से पाकिस्तानी सेना द्वारा पूर्णम कुमार साहू को हिरासत में लिये जाने के संबंध में बात की है। उन्होंने मुझे बताया कि सभी संबंधित सरकारी एजेंसियां और अधिकारी उनकी भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।’’
उनके अनुसार बीएसएफ प्रमुख ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान कुछ समय ले रहा है, लेकिन उम्मीद है कि अंततः वह जवान को भारत को सौंप देगा।
बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे यह भी आश्वासन दिया कि पूर्णम कुमार साहू फिलहाल पाकिस्तान में सुरक्षित और स्वस्थ हैं।’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी बीएसएफ जवान को सौंपने से इनकार कर दिया, जो अनजाने में दूसरी तरफ चले गये थे। पाकिस्तान रेंजर्स यह भी नहीं बता रहा है कि बीएसएफ जवान कहां है।
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, वह एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए चले गए थे और अनजाने में पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया।
हुगली जिले के रिशरा में पूर्णम कुमार साहू का परिवार चिंतित और व्याकुल है।
जवान के पिता भोलानाथ साहू ने कहा, ‘‘वह देश की सेवा कर रहा था और अब हमें यह भी नहीं पता कि वह सुरक्षित है या नहीं।’’
पड़ोसी लगातार उनके घर आकर एकजुटता जता रहे हैं।
भोलानाथ साहू ने कहा कि उन्हें अधिकारियों से एक फ़ोन कॉल भी आयी है और उन्हें बताया गया है कि उनके बेटे को भारत वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, उन्होंने कोई समयसीमा नहीं बताई।
उन्होंने कहा, ‘‘वह तीन हफ़्ते पहले घर आया था और काम पर वापस चला गया था।’’
जवान की पत्नी रजनी ने अपने पति को हिरासत में ले लिये जाने की खबर मिलने के बाद से बमुश्किल कुछ कहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे मंगलवार रात को फ़ोन किया था। वह आख़िरी मौका था जब मैंने उनकी आवाज़ सुनी थी।’’
उनका सात वर्षीय बेटा, स्थिति की गंभीरता से अनजान, लगातार पूछ रहा है कि उसके पिता कब लौटेंगे।
परिवार को पहली बार पूर्णम कुमार साहू के एक सहकर्मी के माध्यम से इस घटना के बारे में पता चला।
भाषा राजकुमार रंजन
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