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शुक्रवार, 30 मई, 2025
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बीआरएस नेता कविता ने माओवादियों के शव परिवारों को नहीं सौंपने पर केंद्र की आलोचना की

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हैदराबाद, 30 मई (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के. कविता ने छत्तीसगढ़ में हाल ही में मुठभेड़ में मारे गए शीर्ष माओवादी नेता नंबाला केशव राव और अन्य माओवादियों के शव उनके परिजनों को नहीं सौंपने के लिए शुक्रवार को केंद्र की आलोचना की।

उन्होंने मंचेरियल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपने की संस्कृति नहीं दिखाती है।’’

कविता ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर आरोप लगाया कि वह माओवादी विरोधी अभियानों के जरिए ‘हिंसा’ जारी रख रही है, जबकि बीआरएस ने हिंसा रोकने की मांग की है।

उन्होंने बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव द्वारा 28 अप्रैल को केंद्र से ‘ऑपरेशन कगार’ रोकने की अपील किए जाने का जिक्र किया। इस अपील में उन्होंने इन अभियानों में आदिवासियों और युवाओं की कथित हत्याओं का हवाला दिया था।

छत्तीसगढ़ में पिछले सप्ताह हुई मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी नेता नंबाला केशव राव उर्फ ​​बसवराजू और सात अन्य माओवादी मारे गए थे, जिनका अंतिम संस्कार 26 मई को राज्य के नारायणपुर में प्राधिकारियों द्वारा किया गया।

बीआरएस के आंतरिक मामलों पर उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पार्टी का भाजपा में विलय करने का प्रयास कर रही हैं।

अपने भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव पर परोक्ष हमला करते हुए उन्होंने दावा किया कि विलय के इस प्रस्ताव को वह सिरे से खारिज कर चुकी हैं।

कविता के अनुसार, ये प्रस्ताव उनके सामने उस समय लाया गया था जब वह दिल्ली शराब नीति घोटाला से जुड़े धन शोधन के एक मामले में पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी की जेल में थीं।

कविता की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद एम. रघुनंदन राव ने शुक्रवार को आश्चर्य व्यक्त किया कि भाजपा को बीआरएस के साथ विलय या गठबंधन की क्या जरूरत है।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना में भाजपा अपने दम पर आगे बढ़ रही है और पार्टी ने 2019 में लोकसभा की चार सीट और 2024 में आठ सीट हासिल की हैं।

भाषा यासिर अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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