नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मणिपुर की उपेक्षा किए जाने’’ के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए लोकसभा में संकल्प लाया जाना जले पर नमक छिड़कने की तरह था।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस संकल्प पर चर्चा के लिए सीमित समय दिया गया।
लोकसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले सांविधिक संकल्प को बुधवार देर रात पारित कर दिया।
हिंसाग्रस्त मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुरूप दो महीने के अंदर राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए एक सांविधिक संकल्प केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में प्रस्तुत किया। इसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी।
रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी के थाईलैंड दौरे का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बार-बार हवाई सफर करने वाले फिर रवाना हो गए हैं। इस बार वह बैंकॉक में हैं। हर तरह से पूर्व की ओर देखिए, लेकिन मणिपुर की उपेक्षा क्यों जारी है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज तड़के दो बजे लोकसभा में राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा क्यों की गई, जिसमें चर्चा के लिए सिर्फ एक घंटा समय था, लेकिन गृह मंत्री के झूठ और चीजों को तोड़ने-मरोड़ने के लिए पर्याप्त समय था? यह जले पर नमक छिड़कने जैसा है।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को छठे ‘बिम्सटेक’ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के वास्ते थाईलैंड के लिए रवाना हुए, इसके बाद वह श्रीलंका जाएंगे।
भाषा हक हक नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.