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मंगलवार, 24 जून, 2025
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वृंदा करात ने हरियाणा सरकार पर गौरक्षकों को कानून का दुरुपयोग करने की इजाजत देने का आरोप लगाया

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नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात ने फरीदाबाद में गौरक्षकों द्वारा कथित रूप से चलाई गई गोली से मारे गए युवक के परिवार से मुलाकात की और राज्य सरकार पर गौरक्षकों को कानून अपने हाथ में लेने का “लाइसेंस” देने का आरोप लगाया।

उन्नीस वर्षीय आर्यन मिश्रा के परिवार के सदस्यों से मुलाकात के बाद करात ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा सरकार और राज्य पुलिस पर गौरक्षकों को खुली छूट देने का आरोप लगाया और मिश्रा के परिवार के लिए मुआवजे की मांग की।

करात ने कहा, “ हम मिश्रा परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त करने आए हैं, दिल्ली और फरीदाबाद, हरियाणा से मेरे कॉमरेड, हम सब यहां हैं। आर्यन मिश्रा की हत्या हरियाणा सरकार की नीतियों के कारण हुई, जिसके तहत गाय की रक्षा के नाम पर गौरक्षकों को कानून अपने हाथ में लेने का लाइसेंस दिया गया है।”

उन्होंने कहा, “यह अकल्पनीय और अविश्वसनीय है कि 30 किलोमीटर तक एक ऐसी सड़क पर, जहां हर कुछ दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उन्होंने अपनी कार में बिना लाइसेंस वाले हथियार लेकर उस कार का पीछा किया। उन्होंने उसे गोली मार दी और फिर घटनास्थल से भाग गए।”

माकपा नेता ने आरोप लगाया “हरियाणा सरकार ने अपनी जहरीली नीतियों के माध्यम से अपराधियों को अनुमति और लाइसेंस दे दिया है, जो गौरक्षा की आड़ में इसका इस्तेमाल जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के लिए करते हैं।”

करात ने कहा, “इनमें से प्रत्येक अपराध में पुलिस पूरी तरह से संलिप्त है। यह शर्म की बात है कि आज भारत में, राजधानी के पास, हमें यह सुनना पड़ रहा है कि अगर वह मुसलमान होता तो कोई बात नहीं, वह ब्राह्मण है, इसलिए वे सवाल उठा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “यह हैरान करने वाला है । यह दिखाता है कि जहां तक ​अराजकता का सवाल है, हम कहां पहुंच रहे हैं।”

माकपा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में बुलडोजर न्याय के खिलाफ बात कही है। उन्होंने साथ ही कहा कि इस घटना के लिए हरियाणा सरकार जवाबदेह है।

करात ने कहा, “ ये गौरक्षा के नाम पर अन्याय है… भाजपा जवाब दे, हरियाणा सरकार जवाब दे। उनके पास इतना समय नहीं है कि वो आकर संवेदना जताएं, सहानुभूति जताएं, दुख जताएं कि 18-19 साल के एक नौजवान के साथ ऐसा हो सकता है।”

उन्होंने कहा, “सरकार का एक भी व्यक्ति यहां एकजुटता और दुख व्यक्त करने नहीं आया है। आज हम कहां हैं? कोई मानवता नहीं बची है। हम पूर्ण मुआवजे की मांग करते हैं। हम उसके एक भाई के लिए नौकरी की मांग करते हैं। हम इस परिवार के लिए पूर्ण सुरक्षा की मांग करते हैं।”

आर्यन मिश्रा की 23 अगस्त की रात को राजमार्ग पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कथित तौर पर उसका पीछा करने और गोलीबारी करने वाले पांच लोगों – सौरभ, अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा और आदेश को 28 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था।

भाषा नोमान माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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