कोच्चि, 21 मई (भाषा) केरल सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) ने मंगलवार को कहा कि वह राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी से जुड़े सनसनीखेज रिश्वतखोरी मामले में सबूत इकट्ठा कर रहा है और निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वीएसीबी के अधीक्षक एस. शशिधरन ने संवाददाताओं को बताया कि शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर ईडी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘हमने मामला दर्ज कर शुरुआती जांच कर ली है। शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर ईडी अधिकारी को पहला आरोपी बनाया गया है।’
शशिधरन ने बताया कि जांचकर्ताओं को अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
शशिधरन ने कहा, ‘हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। आगे की कार्रवाई हमारे छानबीन पर निर्भर करेगी।’
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वीएसीबी को मौखिक रूप से कई ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, लेकिन अब तक कोई भी लिखित तहरीर नहीं दी गई है।
एक स्थानीय व्यवसायी की शिकायत के बाद, हाल में केरल वीएसीबी ने ईडी की कोच्चि इकाई के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक आरोप में मामला दर्ज किया है।
वीएसीबी की रिमांड रिपोर्ट के अनुसार ईडी अधिकारी मुख्य आरोपी है। अब तक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने ईडी जांच में कथित तौर पर नाम नहीं शामिल करने के बदले में एक व्यवसायी से दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
हालांकि, ईडी सूत्रों ने रिश्वतखोरी के आरोपों को एजेंसी को बदनाम करने के लिए व्यवसायी द्वारा जानबूझकर किया गया प्रयास बताया।
शिकायतकर्ता अनीश बाबू कथित धनशोधन को लेकर ईडी की जांच के दायरे में हैं और कहा जाता है कि उन्होंने पिछले चार वर्षों में जारी किए गए कई समन की अनदेखी की है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि रिश्वतखोरी के आरोपों ने ईडी की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एजेंसी में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया।
भाषा नोमान पवनेश
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