नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की बहादुर महिलाओं की टीम ने बुधवार को राजधानी के ऐतिहासिक राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मोटरसाइकिल पर गुरुत्वाकर्षण विरोधी स्टंट करते हुए उपस्थित दर्शकों को अपनी सांसें थामने को मजबूर कर दिया।
उन्होंने अपने बहादुरी भरे करतब के जरिये लड़कियों को पढ़ाने-लिखाने और महिलाओं को सशक्त बनाने का संदेश भी दिया।
‘सीमा भवानी’ मोटरसाइकिल टीम ने राजपथ पर परेड की गवाही बनने के लिए मौजूद कई केंद्रीय मंत्रियों और अन्य अधिकारियों सहित तमाम दर्शकों से तालियां और प्रशंसा बटोरीं। कई दर्शकों ने महिला दल को खड़े होकर शाबाशी दी।
बहादुरी से ओत-प्रोत इन झांकियों की शुरुआत मोटरसाइकिल को खतरनाक ढंग से चला रही सदस्य द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी देने के साथ हुई। इसके बाद उनकी एक सहयोगी मोटरसाइकिल को उल्टी दिशा में बैठकर चलाती हुई राजपथ से गुजरी थी, जिसने अपने हाथ में एक तख्ती ले रखी थी, उस पर लिखा था – ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।’
कुछ अन्य मोटरसाइकिल पर सवार महिलाओं ने कई ऐसे खतरनाक करतब दिखाये, कि वहां उपस्थित जनसमूह की ‘सांसें कुछ पल के लिए थम गयी।’ इन महिलाओं ने ‘चेयर राइडिंग’, ‘फिश राइडिंग’, ‘डबल बैक राइडिंग’, अभिनंदन, गुलिस्तां और पिरामिड फॉर्मेशन आदि करतब दिखाए।
करतबों का सिलसिला यहीं नहीं थमा, बल्कि उसके बाद भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों के दल ‘हिमवीर’ के जाबांजों ने मोटरसाइकिल पर अपने एक्रोबेटिक्स करतबों से दर्शकों में जोश का संचार कर दिया। आईटीबीपी के 39 हिमवीरों के एक दल ने नौ मोटरसाइकिलों पर ‘हिमालय के प्रहरी’ नामक प्रदर्शन किया, जो भारत की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष को समर्पित था।
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