नई दिल्ली: आगरा स्थित प्रकाशक ओसवाल बुक्स ने मॉक कॉमन लॉ एडमिनिस्ट्रेशन टेस्ट (CLAT) किताब में एक विवादास्पद प्रश्न के कारण ब्राह्मण पंडितों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपों के बाद गुरुवार को ‘बिना शर्त’ माफी मांगी है.
ओसवाल बुक्स ने एक बयान में कहा, ‘हमारे पेपर से संभवतः कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. इस भूल के लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर हमने तुरंत एक्शन भी लिया है. हम तत्काल प्रकाशित हुई सभी कॉपियों को वापस मंगवा रहे हैं. इन सभी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटवा रहे हैं.’
ओसवाल के ‘यूजी क्लैट मॉक टेस्ट-15 सैंपल क्वेश्चन पेपर्स’ में विवादास्पद बहुविकल्पीय प्रश्न एक काल्पनिक स्थिति से जुड़ा है, जिसमें किसी भी मामले का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया गया है. सवाल कहता है कि एक अगर एक ब्राह्मण पंडित किसी बच्ची का अपहरण कर उसका रेप करता है तो बलात्कार की शिकार बच्ची की ओर से मुआवजे का दावा कौन करेगा.
ओसवाल बुक्स को 1984 में स्थापित किया गया था. इसमें सालाना क्लैट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं पर पाठ्यपुस्तकें और कार्यपुस्तिकाएं प्रकाशित की जाती है. विवादास्पद प्रश्न वाली पुस्तक का नवीनतम संस्करण सितंबर 2021 में जारी किया गया था.
सवाल में लिखा गया है, ‘अनीता एक 8 साल की बच्ची है. एक दिन जब वह सड़क पर खेल रही थी. तभी एक ब्राह्मण पंडित वहां आया और उसने बच्ची का अपहरण करके खाली मंदिर में जाकर उसका रेप किया. बच्ची दो दिन बाद अत्यधिक खून बह जाने के चलते बेसुध और गंभीर अवस्था में मिली. अनीता के लिए मुआवजे का दावा कौन करेगा?’ सवाल के जवाब में विकल्प दिए गए थे- अनीता, उसके माता-पिता, उनका वकील और उपरोक्त सभी.
कॉमन लॉ एडमिनिस्ट्रेशन टेस्ट (CLAT) राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है. कानून की पढ़ाई करने वाले इच्छुक उम्मीदवारों को देश भर में सरकारी राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों (NLU) में एडमिशन के लिए इस परीक्षा को पास किए जाने की जरूरत होती है. हालांकि कई निजी लॉ कॉलेजों में प्रवेश के लिए CLAT स्कोर की जरूरत होती है.
ओसवाल बुक्स के एक कर्मचारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर शनिवार को दिप्रिंट को बताया कि प्रकाशक की आंतरिक जांच और प्रकाशित कॉपियों को वापस लेने की प्रक्रिया अभी भी जारी है.
गुरुवार को हिंदू वकील शशांक शेखर झा ने शिकायत पर ध्यान देते हुए, आगरा पुलिस से प्रकाशक और सवाल बनाने वालों के खिलाफ ‘कानूनी कार्रवाई शुरू’ करने का मांग की.
Question 84 of Mock Test Paper of CLAT shows absolute form of Brahmin & Pandit hatred.
Dear @agrapolice: kindly initiate legal action against the publisher @oswaal_books and the persons involved in making this question. pic.twitter.com/QXipmdxuuj
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) June 17, 2022
झा ने इस मामले पर ओसवाल बुक्स की प्रतिक्रिया पर भी असंतोष व्यक्त किया.
झा ने कहा, ‘माफी मांगना काफी नहीं है. इस तरह का सवाल करने वाले के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए. इससे ब्राह्मण-पंडित समाज आहत हुआ है. आरोपी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.’
Apology is not enough.
FIR must be lodged against the person who put this question.
Brahmin-Pandit community is hurt with this.Accused must be booked@agrapolice @Uppolice pic.twitter.com/aDbElvwmYC
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) June 17, 2022
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