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Monday, 7 October, 2024
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असम के साथ छह क्षेत्रों में सीमा मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा: मलिक

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शिलांग, चार मार्च (भाषा) मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को उम्मीद जतायी कि असम के साथ राज्य के सीमा मुद्दे का मतभेद़ वाले कम से कम छह क्षेत्रों में जल्द ही हल हो जाएगा।

बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में सेवाओं की आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है और उम्मीद है कि मतभेद वाले छह क्षेत्रों में सीमा मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। मेरी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले हमारे नागरिकों के लिए शांति और विकास लाने के लिए असम और मेघालय के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

उन्होंने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और उनके असम के समकक्ष हिमंत बिस्व सरमा ने पिछले छह महीनों में इस मुद्दे पर कई बैठकें की हैं और वे छह स्थानों – ताराबारी, गिज़ांग, हाहिम, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रातचेरा में विवाद को पहले चरण में हल करने के लिए सहमत हुए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि इस संबंध में एक सहमतिपत्र पर दोनों मुख्यमंत्रियों द्वारा पिछले 29 जनवरी को गुवाहाटी में हस्ताक्षर किए गए थे और इसे आगे की पड़ताल के लिए गृह मंत्रालय को भेजा गया था।

मेघालय को 1972 में असम से एक अलग राज्य बनाया गया था और उसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी थी, जिससे साझा की जाने वाली 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 क्षेत्रों से संबंधित विवाद उत्पन्न हुए थे।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में सेवा वितरण को बढ़ाने और सड़कों, पुलों, बिजली और पीने के पानी जैसे भौतिक बुनियादी ढांचे में निवेश करने पर केंद्रित है। हालांकि, उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य सरकार का महत्वपूर्ण ध्यान ग्रामीण आजीविका में सुधार और कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन और पशुपालन के क्षेत्रों में उद्यमों को बढ़ावा देने पर है।

मलिक ने कहा कि पिछले एक साल में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण है और पुलिस ने आईईडी विस्फोटों की कुछ घटनाओं में शामिल दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने विधानसभा को यह भी बताया कि प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन हाइनिवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर भारतीय संविधान के ढांचे के भीतर बिना शर्त बातचीत की इच्छा व्यक्त की है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार इस कदम का स्वागत करती है और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। यह राज्य में स्थायी शांति लाने की दिशा में एक बड़ा घटनाक्रम है और मेरी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि शांति वार्ता अपने तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचे।’’

भाषा अमित उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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