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Wednesday, 11 December, 2024
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मध्य प्रदेश, बिहार में बोरवेल और पुल से बचाए गए दोनों बच्चों ने तोड़ा दम

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नाबालिग की बोरवेल में पहले ही मौत हो चुकी थी और जब उसे बाहर निकाला गया तो उसका शव सड़ी-गली हालत में मिला.

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में बोरवेल से करीब 52 घंटों की मशक्कत के बाद गुरुवार को निकाली गई ढाई साल की बच्ची को अस्पताल ले जाने के बाद मृत घोषित कर दिया गया.

वहीं, बिहार के सासाराम में नासरीगंज में स्थित एक नदी पर पुल के खंभे और स्लैब के बीच फंसे 12-वर्षीय एक लड़के को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम ने गुरुवार को बाहर निकाला, लेकिन उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नाबालिग की बोरवेल में पहले ही मौत हो चुकी थी और जब उसे बाहर निकाला गया तो उसका शव सड़ी-गली हालत में मिला.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बच्ची की मौत पर शोक जताया है. चौहान ने बुधवार को कहा कि वे शुरू में बोरवेल में लगभग 40 फुट की गहराई में फंसी हुई थी, लेकिन बचाव कार्य में लगी मशीनों के कंपन के कारण वह लगभग 100 फुट और नीचे खिसक गई जिससे कार्य और कठिन हो गया.

उन्होंने कहा कि पीड़िता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मंगलवार दोपहर करीब एक बजे मुंगावली गांव में सृष्टि नाम की बच्ची 300 फुट के बोरवेल में गिर गई थी.

गुरुवार की शाम साढ़े पांच बजे उसे बाहर निकाला गया और जांच के लिए एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया.

एक अधिकारी ने कहा कि वह बोरवेल में करीब 135 फुट की गहराई तक फिसल गई थी. अधिकारियों ने कहा कि सेना की एक टीम भी बचाव अभियान में शामिल हुई, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) की टीम पहले से ही लड़की को बचाने के लिए काम कर रही थीं.

उन्होंने बताया कि लड़की को बचाने के लिए गुरुवार सुबह रोबोटिक विशेषज्ञों की एक टीम भी अभियान में शामिल हुई.

वहीं, बिहार के रोहतास में सदर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की मौत हो गई.

डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा, “नसरीगंज में एक नदी पर बने पुल के पैर में फंस गया 12 साल का बच्चा मृत लाया गया था. ”

उन्होंने कहा, “बच्चे को एंबुलेंस से यहां लाया गया था, लेकिन मृत होने के कारण हम कोई इलाज नहीं करा सके.”


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