कोलकाता, 14 अप्रैल (भाषा) इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही दल वोट बैंक की राजनीति के लिए पश्चिम बंगाल में ‘‘धर्म के साथ खेल रही हैं’’ और उन्हें आर्थिक विकास की कोई चिंता नहीं है।
सिद्दीकी ने कोलकाता के रामलीला मैदान में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सार्वजनिक रूप से अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है, लेकिन वास्तव में, दिखावे के लिए उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ ‘मौन समझौता’ कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम वक्फ (संशोधन) अधिनियम का पूरी ताकत से विरोध करने की कसम खाते हैं। हम इसे विफल करने के लिए हर कदम उठाएंगे। लेकिन, टीएमसी इस अधिनियम के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयानबाजी तो कर रही है, लेकिन इसका विरोध करने को लेकर गंभीर नहीं है।’’
आईएसएफ के विधायक ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वे भाजपा के साथ ‘बैकडोर सेटिंग’ (समझौता) कर रहे हैं। टीएमसी के कुछ शीर्ष नेताओं ने हजारों एकड़ भूसंपदा अजिर्त कर ली है। वे मुसलमानों सहित आम लोगों का कल्याण नहीं चाहते हैं।’’
पश्चिम बंगाल में भांगर विधानसभा सीट से निर्वाचित आईएसएफ के एकमात्र विधायक ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने आरजी कर अस्पताल की महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या की जांच को दबाने की साजिश रची है, जिससे पता चलता है कि उन्हें आम लोगों की कोई चिंता नहीं है।
सिद्दीकी ने लोगों से धार्मिक आधार पर उन्हें बांटने की साजिश के प्रति सतर्क रहने का आग्रह करते हुए कहा कि शुभेंदु अधिकारी जैसे भाजपा नेता हिंदुओं से एकजुट रहने को केवल इसलिए कह रहे हैं ताकि सत्ता में आने के लिए हिंदू वोटों का एक हिस्सा हासिल किया जा सके।
रैली से पहले, आईएसएफ समर्थकों की कोलकाता जाते समय भांगर में पुलिस के साथ झड़प हुई। उनके वाहनों को रोक दिया गया और उन्होंने बसंती राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर कर दिया।
सिद्दीकी ने दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में आईएसएफ के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
भाषा रवि कांत सुरेश
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