नई दिल्ली: रवींद्र भवन, मंडी हाउस, दोपहर के 1 बजे, साहित्य कला अकादमी द्वारा आयोजित साहित्य अकादमी पुस्तक मेला, ‘पुस्तकायन’. भगवान दास रोड और फिरोजशाह रोड से सटे साहित्य कला अकादमी के आस पास की सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें पहले ही दिन खूब दिख रही हैं.
आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित पुस्तक मेला ‘पुस्तकायन’ पहली बार आयोजित किया जा रहा है. मेले के पहले ही दिन अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली. इस मौके पर यहां विभिन्न साहित्यक आयोजन भी किए गए जिसके अंतर्गत चर्चा और रचना-पाठ ‘बाल साहित्य : कल, आज और कल’ की झलकियां भी देखने को मिली. इसमें प्रतिभागी रचनाकार मधु पंत, देवेंद्र मेवाड़ी, रईस सिद्दीकी ने भाग लिया. बच्चों को ध्यान में रखकर भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने अपने निमंत्रण पत्र में भी बच्चों के कार्टून को जगह दी है.
मेले में एकतारा प्रकाशन, राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, ललित कला अकादमी जैसे प्रकाशको के स्टॉल लगे हुए हैं. स्टॉल पर कुछ युवा लड़के लड़कियां, कुछ बुजुर्ग खड़े होकर किताबों को देख रहे हैं. कुछ लड़कियां पुस्तक मेले में लगी कलाकृतियों के साथ सेल्फी ले रही हैं और कुछ लोग चारों ओर लगे पोस्टर को देख रहे हैं उसपर लिखी हुई बातों को पढ़ रहे हैं.
सृष्टि बीईएलईएड की पढ़ाई कर रही हैं जिसके बाद वह टीचर बनेंगी. सृष्टि मेले में इकतारा पब्लिकेशन के सामने लगे एक पोस्टर के साथ सेल्फी ले रही थीं. उसके बाद सृष्टि इकतारा के स्टॉल पर लगी कुछ किताबों को पलट कर देखने लगती हैं.
सृष्टि कहती हैं, ‘मेरा चिल्ड्रेन्स इलेस्ट्रेटर में इंटरेस्ट है. हम इसलिए यहां आए हैं ताकि हम जान सकें कि बच्चों को इलस्ट्रेशन से कैसे पढ़ा सकते हैं.’
वो कहती हैं, ‘ किताब फोन तथा कंप्यूटर से बच्चों को पढ़ानें में काफी फर्क पड़ता है. अगर बच्चों को शुरू से ही फोन से पढ़ाया जाए तो उनको यही आदत लग जाएगी. इसलिए बच्चों के लिए शुरू से ही किताबें पढ़ना जरूरी है.
पुस्तक मेला में किताब देखने आई एक और लड़की जिज्ञासा कहती हैं, ‘ई-बुक लोग पढ़ते हैं लेकिन पेपर बैक का अपना एक अलग मजा है. अगर हम बाल साहित्य की बात करते हैं तो यह और भी जरूरी हो जाता है. किताबों को मोड़ना, उसे महसूस करना अलग अनुभव है.’
One of the literary events being organised during #SahityaAkademi #PustakMela "Pustakyan" – Children's Literature: Past, Present and Future – Discussion and Readings. Participating writers Madhu Pant, Devendra Mewari, Raees Siddiqui.#AmritMahotsav @AmritMahotsav pic.twitter.com/U9bxb0ehEj
— Sahitya Akademi (@sahityaakademi) November 11, 2022
साहित्य अकादमी के द्वारा आयोजित पुस्तक मेला
साहित्य अकादमी के द्वारा पहली बार पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है. 11 से 18 नवंबर तक चलने वाले इस पुस्तक मेले में 35 से अधिक प्रकाशक भाग ले रहे हैं. अकादमी द्वारा ‘पुस्तकायन’ नाम से आयोजित आठ दिवसीय मेले में विभिन्न भाषाओं के 65 से ज्यादा बाल लेखक हिस्सा ले रहे हैं. मेले में साहित्य अकादमी बच्चों के लिए ‘आजादी के रंग, बाल कलाकारों के संग’ शीर्षक के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी आयोजन करने जा रहा है. इसके साथ ही साहित्य अकादमी द्वारा बच्चों के लिए रविवार सुबह 11 बजे से कविता, कहानी और कार्टून आदि के कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा.
"Pustakayan" #SahityaAkademi for the first time in its history is organizing a #bookfair of this magnitude in New Delhi.#AmritMahotsav @kishanreddybjp @arjunrammeghwal @M_Lekhi @MinOfCultureGoI @secycultureGOI @ksraosahitya @PIB_India @PIBCulture @MIB_India @DDNational pic.twitter.com/sersyTLb6d
— Sahitya Akademi (@sahityaakademi) November 11, 2022
पहली बार हो रहा है आयोजन
साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने दिप्रिंट को बताया कि, ‘साहित्य अकादमी के 68 सालों के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शनी लगाई गई है. साहित्य अकादमी समय समय पर अपनी पुस्तकों की प्रदर्शनी कई शहरों में लगाती रहती है लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब इतने बड़े पैमाने पर दूसरे प्रकाशकों के साथ मिलकर पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है.
के. श्रीनिवासराव कहते हैं, ‘आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है उसी के बीच यह साहित्य अकादमी का एक प्रयास है. इसमें दिल्ली एनसीआर के करीब 35 जाने माने प्रकाशक हमारे साथ भाग ले रहे हैं. हम इस प्रदर्शनी को बाल दिवस के मद्देनजर देखते हुए बाल साहित्य के थीम पर आयोजित कर रहे हैं. साथ ही हम बच्चों और युवा वर्ग के लिए अलग अलग तरह के कार्यक्रम का आयोजन भी रखा है जैसे कि स्टोरी राइटिंग, क्रिएटिव राइटिंग, कार्टून बनाने की वर्कशॉप आदि.
के. श्रीनिवासराव दिप्रिंट से कहते हैं, ‘ जब तक बुक फेयर चलेगा, बाल साहित्यकार बच्चों से रूबरू करने के लिए यहां उपस्थित रहेंगे, उनसे बातचीत करेंगे.’
#साहित्याकदेमी #पुस्तकमेला "पुस्तकायन" के उद्घाटन और झलकिया I#AmritMahotsav @AmritMahotsav @kishanreddybjp @arjunrammeghwal @M_Lekhi @MinOfCultureGoI @secycultureGOI @ksraosahitya @PIB_India @PIBCulture @MIB_India @DDNational pic.twitter.com/o5VsJGrxGi
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प्रकाशक उत्साहित, लोगों का मिल रहा है समर्थन
राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर लोगों को किताब दिखा रहें विजय कुमार शर्मा कहते हैं, ‘साहित्य अकादमी के द्वारा यह एक अच्छी पहल है. उम्मीद करते हैं कि इस तरह की पहल आगे भी होते रहेंगे. हमारे पास अभी 1000 से अधिक लेखकों की पुस्तकें उपलब्ध है, अब देखना यह होगा कि इसमें कितनी बिक्री हो पाती है. पहले दिन कुछ खास बिक्री तो नहीं हुई है लेकिन शाम तक लोगों के आने उम्मीद है. कोरोना के बाद दोबारा से पाठकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.
बच्चों के किताबों के लिए प्रसिद्ध इकतारा प्रकाशन के काउंटर पर सबसे अधिक भीड़ दिखी. कई महिलाएं अपने बच्चों के लिए लिखने पढ़ने की चीजें खरीद रही थी. इकतारा प्रकाशन के काउंटर में मौजूद पब्लिकेशन कॉर्डिनेटर गोईरिक कहते हैं, ‘हमारा मुख्य उद्देश्य हिंदी को बढ़ावा देना है, लेकिन हम साहित्य को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं चाहे वो हिंदी हो या अंग्रेजी. कई बार क्रिएटिविटी अंदर में दबी रह जाती है हम उसे बाहर निकालने के लिए काम कर रहे हैं. कोरोना के कारण अधिकतर चीजें बंद हो गई थी इसलिए अब हमें जरा भी मौका मिलता है हम टूट पड़ते हैं. आज पहला दिन है और आज काफी मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है, आगे देखते हैं.
गोईरिक कहते हैं, ‘हम बच्चों के लिए उसके रुचि के हिसाब से काम कर रहे हैं, हमारे पास पोस्टर हैं, हमारे पास कैलेंडर भी है. घर में बच्चों का मन लगे तो इसके लिए छोटी छोटी कविताओं के पोस्टर के साथ छोटी छोटी कहानियों के इलेस्ट्रेशन हैं.
वहीं भावना प्रकाशन के शादाब अली कहते हैं, ‘अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. अभी लोग कम हैं लेकिन लोगों को जब पता चलेगा तो लोग धीरे धीरे आएंगे. आगे देखते हैं क्या होता है.’
शादाब अली ने कहा, ‘पुस्तक मेले में काफी अच्छी किताबें आई हैं और लोग खरीद भी रहें हैं. कई नई किताबें आई हैं जिसे लोग पसंद कर रहे हैं.’
14 नवंबर को होगा अर्पण समारोह
के. श्रीनिवास राव ने कहा कि 14 नवंबर को बाल साहित्य पुरस्कार के लिए अर्पण समारोह का आयोजन किया जाएगा. इसमें 24 भारतीय भाषाओं में बाल साहित्य पुरस्कार दिया जाएगा. उसके अगले दिन जितने भी बाल साहित्य पुरस्कार विजेता हैं वो अपनी जीवन यात्रा लोगों को बताएंगे.
पुस्तक मेले के अंतिम दिन अपने प्रिय लेखक कार्यक्रम के तहत असद रजा उपस्थित रहेंगे. इसके बाद शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ पुस्तक मेले का समापन होगा.
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