नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मुंबई के कांदिवली पश्चिम में ऐतिहासिक खजूरिया झील के एक स्थल पर ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) द्वारा बनाए गए मनोरंजन पार्क को ध्वस्त करने का निर्देश देने वाले मुंबई उच्च न्यायालय के 2018 के फैसले को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने नगर निकाय की याचिका स्वीकार कर ली और व्यवस्था दी कि हालांकि उच्च न्यायालय का सार्वजनिक ट्रस्ट सिद्धांत लागू करने का कदम सही है, लेकिन यह ‘‘बदली हुई वास्तविकताओं’’ और पुनर्विकसित स्थल से अब प्राप्त होने वाले पर्याप्त सार्वजनिक लाभों को ध्यान में रखने में विफल रहा।
फैसले में इस सवाल पर विचार किया गया कि क्या कथित ऐतिहासिक जल निकाय पर विकसित मनोरंजन पार्क को ध्वस्त किया जाना चाहिए और जल निकाय को बहाल किया जाना चाहिए।
यह विवाद खजूरिया झील के नाम से मशहूर एक भूखंड से जुड़ा है, जो 100 साल से अधिक पुराना जल निकाय है, जिसका उपयोग पारंपरिक गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए भी किया जाता था।
पीठ के लिए निर्णय लिखते हुए, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने झील की ऐतिहासिक उपस्थिति को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि जब परियोजना शुरू हुई, तब तक यह स्थल एक व्यवहार्य जल निकाय के रूप में काम नहीं कर रहा था।
भाषा सुरेश माधव
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