मुम्बई, 16 मार्च (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण डारेकर को एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा देने से बुधवार को इनकार कर दिया। डारेकर पर ‘श्रमिक’ श्रेणी से सहकारी बैंक का फर्जी तरीके से चुनाव लड़ने का आरोप है।
न्यायमूर्ति पी बी वराले की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि भाजपा नेता के पास अन्य कानूनी उपाय है जिसका वह इस्तेमाल कर सकते हैं । पीठ ने कहा कि वह ‘‘फिलहाल राहत प्रदान करने वाला आदेश देने के पक्ष में नहीं है।’’
आम आदमी पार्टी के नेता धनंजय शिंदे की शिकायत के आधार पर दो दिन पहले डारेकर के विरूद्ध कथित धोखाधड़ी एवं आपराधिक साजिश को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
शिंदे ने आरोप लगाया कि डारेकर ने ‘श्रमिक’ श्रेणी से मुम्बई जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक के लिए चुनाव लड़ा था जबकि वह श्रमिक तो हैं नहीं।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि डारेकर कई सालों तक इस बैंक के अध्यक्ष रहे हैं और 1997 में उन्होंने फर्जीवाड़ा कर प्रतिदन्य लेबर कोपरेटिव सोसायटी में श्रमिक के तौर पर अपना पंजीकरण कराया था।
भाजपा नेता ने बुधवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था और अनुरोध किया था कि उनके विरूद्ध दर्ज प्राथमिकी खारिज करने का आदेश जारी किया जाए।
डारेकर के वकील अबाद पोंडा ने कहा कि इस बीच उनके मुवक्किल जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी जाए।
लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम राहत नहीं दी। याचिका पर निश्चित प्रक्रिया के तहत ही सुनवाई होगी।
भाषा राजकुमार अनूप
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