मुंबई, 10 जून (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एमएन जाधव की खंडपीठ ने एक दिन में निर्धारित लगभग 200 मामलों की सुनवाई के लिए नियमित समय से लगभग साढ़े तीन घंटे अधिक काम किया। यह बृहस्पतिवार को हुआ और इसका संज्ञान लेते हुए केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रीजीजू ने न्यायमूर्ति शिंदे की सराहना की।
रीजीजू ने ट्वीट किया, “मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि बंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एसएस शिंदे ने कल 190 मामलों की सुनावई की। वह सुबह साढ़े दस बजे से लेकर रात आठ बजे तक बैठे रहे।”
न्यायमूर्ति शिंदे के सेवानिवृत्त होने में केवल दो महीने बचे हैं और उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त करने की सिफारिश की है।
न्यायमूर्ति शिंदे और न्यायमूर्ति एमएन जाधव की पीठ आपराधिक याचिकाओं, पैरोल और फरलो आवेदनों की सुनवाई करती है। बृहस्पतिवार को इस पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए 206 याचिकाएं सूचीबद्ध थीं।
आमतौर पर उच्च न्यायालय में सुबह साढ़े दस बजे से शाम साढ़े चार बजे तक काम होता है, पर सूचीबद्ध याचिकाओं की सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण पीठ ने रात आठ बजे तक काम किया और 190 मामलों की सुनवाई की। शुक्रवार को पीठ के सामने 265 मामले सूचीबद्ध हैं।
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश ने अधिक समय तक काम किया है। सेवानिवृत्त हो चुके न्यायमूर्ति एसजे काठवाला अपने कार्यकाल के दौरान याचिकाओं का निपटारा करने के लिए रात के तीन बजे तक बैठे थे।
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यश पारुल
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