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रविवार, 15 जून, 2025
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कोल्ड स्टोरेज की कमी, शव तेजी से सड़ रहे: एयर इंडिया प्लेन क्रैश के बाद शवगृह में कैसे हालात हैं

पता चला है कि अहमदाबाद के सभी मुर्दाघरों में शवों को रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. कोल्ड स्टोरेज केवल कुछ अस्पतालों में ही उपलब्ध है, और वह भी सीमित क्षमता में.

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अहमदाबाद: इतनी बड़ी त्रासदी के लिए तैयार नहीं होने के कारण अहमदाबाद अब एयर इंडिया फ्लाइट 171 के पीड़ितों के शवों को तब तक सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष कर रहा है, जब तक कि उनकी पहचान न हो जाए और उन्हें उनके रिश्तेदारों को सौंपा न जा सके.

पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था न होने के कारण, जो शव 2 से 6 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखे जाने चाहिए, उन्हें फिलहाल सिविल अस्पताल अहमदाबाद के एयर कंडीशन्ड शवगृह में रखा गया है.

दिप्रिंट ने पिछली रात सिविल अस्पताल अहमदाबाद के पोस्टमार्टम रूम में कई शवों को फर्श पर देखा, जिन्हें बाद में शवगृह में शिफ्ट किया गया.

अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि अहमदाबाद के सभी शवगृहों को मिलाकर भी इतने शवों को रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। सिविल अस्पताल के अलावा, कुछ ही अस्पतालों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा है, और वह भी सीमित है.

अभी जिन शवों को असारवा सिविल अस्पताल लाया गया है, वहां केवल 36 शवों के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था है. अहमदाबाद में कुल कोल्ड स्टोरेज क्षमता 66 शवों की है—जिसमें असारवा सिविल अस्पताल में 36, सोलिया सिविल अस्पताल में 18, और वी.एस. अस्पताल में 12 शवों के लिए स्थान है, यह जानकारी असारवा सिविल अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने दी.

मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, दिप्रिंट ने बी.जे. मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर और डीन मीनाक्षी पारिख से कोल्ड स्टोरेज की कमी को लेकर सवाल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

डॉक्टरों को शवों को तब तक सुरक्षित रखना है जब तक कि उनका डीएनए जांच कर रिश्तेदारों से मिलान न हो जाए. अब भी सभी रिश्तेदारों ने डीएनए सैंपल नहीं दिए हैं.

लेकिन इस गर्मी में शव तेजी से सड़ रहे हैं, और असारवा अस्पताल के शवगृह परिसर में दुर्गंध फैली हुई है.

“सभी शवों को शवगृह में शिफ्ट किया गया। हमने इस क्षेत्र की सफाई की, लेकिन मृत शरीरों की बदबू अब भी बनी हुई है,” पोस्टमार्टम रूम के एक मेडिकल स्टाफ ने बताया.

पोस्टमार्टम कॉम्प्लेक्स की पीली इमारत को बंद कर दिया गया है और वहां कोई अंदर न जाए, इसके लिए एक सुरक्षा गार्ड तैनात है.

The post-mortem room at Civil Hospital Ahmedabad | Praveen Jain | ThePrint
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में सफ़ाई के बाद पोस्टमार्टम कक्ष | कृष्ण मुरारी | दिप्रिंट

सूत्रों के अनुसार, जिन रिश्तेदारों ने गुरुवार रात सैंपल दिए थे, उनके डीएनए रिपोर्ट्स 15 जून तक आ जानी चाहिए। तभी पीड़ितों के शवों का उनके परिजनों से मिलान किया जा सकेगा.

“लेकिन सभी शव बुरी तरह से जल चुके हैं. डॉक्टर उनकी पहचान भी नहीं कर पा रहे,” डीएनए सैंपलिंग टीम में शामिल एक डॉक्टर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा. उन्होंने कहा कि शवों की स्थिति को देखते हुए सैंपल लेना भी आसान काम नहीं था.

बी.जे. मेडिकल कॉलेज में पीड़ितों के परिजनों से सैंपल लेने की प्रक्रिया जारी है. वहां करीब 30 लैब तकनीशियन की टीम पांच डेस्क संभाल रही है.

यह विमान गुरुवार को बी.जे. मेडिकल कॉलेज के लड़कों के हॉस्टल के पास एक रिहायशी परिसर में जा गिरा था. विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री, 10 क्रू मेंबर और दो पायलट शामिल थे.

टाटा संस, जो इस विमान की मालिक थी, ने प्रत्येक परिवार को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है और नागर विमानन मंत्रालय ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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