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Thursday, 19 December, 2024
होमदेशप्रयागराज के पास गांव में एक ही परिवार के 5 लोंगों के शव बरामद, संपत्ति विवाद के चलते हत्या का शक

प्रयागराज के पास गांव में एक ही परिवार के 5 लोंगों के शव बरामद, संपत्ति विवाद के चलते हत्या का शक

राहुल तिवारी फंदे से लटके हुए थे जबकि उनकी पत्नी और तीन बेटियों की गला काट कर हत्या की गई थी. पुलिस को शक है कि तिवारी ने पहले उनकी हत्या की और फिर खुद फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. लेकिन परिवार के सदस्य इसके लिए तिवारी के साले को दोषी ठहरा रहे हैं.

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प्रयागराज: सरोज देवी की बेटी सुमन ने जब शनिवार की सुबह तिवारी के पड़ोसियों को आवाज लगाई तो वह काफी सहमी हुई थी.

सरोज बताती हैं, ‘वह चिल्लाती हुई आई और कहने लगी कि राहुल (तिवारी) ने फांसी लगा ली है. वह घर में लगे लोहे के जाल से लटके हुए हैं. वह अंदर नहीं आई थी. बाहर से चिल्लाते हुए वापिस चली गई.’ शनिवार को सरोज की बहु की गोद भराई थी. वह याद करते हुए बताती है कि जब शुक्रवार की शाम मैं उन्हें फंक्शन में शामिल होने के लिए कहने गई थी तो सब कुछ ठीक ही लग रहा था.

उत्तर प्रदेश के शहर प्रयागराज से महज 35 किलोमीटर दूर खगलपुर गांव में 42 साल के मवेशी व्यापारी राहुल तिवारी किराए के अपने मकान में फंदे से लटके मिले थे. लेकिन सुमन ने जो देखा वो तो तिवारी के परिवार की त्रासदी का एक हिस्सा भर था. उनके दूसरे पड़ोसी कंचन सिंह ने बताया कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उनकी 38 साल की पत्नी प्रीति और उनकी तीन बेटियों -12 साल की माही, 8 साल की पीहू और 2 साल की पीहू खून से लथपथ पड़ी थीं. उनकी गला काट कर हत्या की गई थी.

हालांकि पुलिस को शक है कि तिवारी ने पहले अपनी पत्नी और बेटियों की हत्या की और फिर खुद फांसी लगाकर जान दे दी. लेकिन तिवारी और उनकी पत्नी के परिवारों के कुछ सदस्यों ने प्रीति के दो भाइयों – पिंटू और चंद्रशेखर के खिलाफ हत्या के आरोप लगाए हैं. उनके बीच लंबे समय से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था. दिलचस्प बात यह है कि जहां एक तरफ तिवारी के परिवार वाले और प्रीति की बहन, अपने भाइयों पर गलत होने का आरोप लगा रही हैं. वहीं प्रीति की मां ने तिवारी पर गलत तरीके से ससुराल की संपत्ति पर हक जताने की बात कही. प्रीति की बहन ने पिछले साल कौशांबी में तिवारी के परिवार को उनके घर से जबरन बेदखल करने और संपत्ति हड़पने की बात कही है.

प्रयागराज पुलिस के एक सूत्र ने बताया, ‘पहली नजर में देखने पर लगता है कि राहुल ने पहले अपनी बेटियों और पत्नी की हत्या की और बाद में खुद को फांसी लगा ली. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना बताया गया है. शवों के विसरा जांच के लिए सुरक्षित रखे गए है.

पुलिस ने दावा किया है कि मौके से तिवारी के हाथ से लिखा एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपने ससुराल वालों सहित 11 लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

लेकिन तिवारी के परिवार का कहना है कि मृतक मुश्किल से लिख पाता था. आमतौर पर अपने बिजनेस के रिकॉर्ड बनाने और यहां तक कि फोन को चलाने के लिए भी वह अपने बच्चों की मदद लेता था.

प्रयागराज पुलिस के एक बयान के मुताबिक, फोरेंसिक इकाइयों ने मौके से सबूत और दो पेज का एक सुसाइड नोट बरामद किया है. इसकी जांच की जा रही है. पुलिस ने दावा किया कि घर के सामने वाले एक खेत से एक चापड़ चाकू या कसाई द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला चाकू भी बरामद किया गया है.

प्रयागराज के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि ‘सुसाइड नोट’ में मृतक तिवारी ने अपने ससुराल वालों और करीबी लोगों सहित ग्यारह लोगों के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

पुलिस सूत्रों ने नोट में जयप्रकाश उर्फ पिंटू, जयप्रकाश की पत्नी मंजू, रामप्रकाश उर्फ चंद्रशेखर, रामप्रकाश की पत्नी ज्योति, सुनील, आशु, मनोज उर्फ मैनेजर, संतोष, अवध किशोर, शिवम और नमोनारायण के नाम होने की पुष्टि की है.

सूत्रों ने कहा, ‘तिवारी ने संपत्ति विवाद को लेकर ससुराल वालों और अन्य लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया है. .’

प्रयागराज पुलिस ने शनिवार देर रात एक बयान जारी करते हुए कहा ‘मृतक के बड़े भाई मुन्ना तिवारी की शिकायत के आधार पर चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.’ सुसाइड नोट में पिंटू, चंद्रशेखर, मनोज और आशु के नामों का जिक्र किया गया है. हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है.

इस घटना पर अब राजनीतिक रंग भी चढ़ने लगा है. समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी में अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार पर निशाना साधा है.

शनिवार शाम एक प्रेस को दिए गए बयान में सपा ने पिछले एक महीने में राज्य में हुई अपराध की घटनाओं को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं..

पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘फिरोजाबाद में अपराधियों ने ज्वैलर की गोली मारकर हत्या कर दी और गहनों से भरा बैग लेकर फरार हो गए. संत कबीर नगर में अपहरण के बाद बच्चे की हत्या, प्रतापगढ़ के नारायणपुर में भी ज्वैलरी कारोबारी को गोली मार दी गई थी. प्रयागराज के नवाबगंज में पांच लोगों की नृशंस हत्या और राज्य समर्थित गुंडों ने बांदा में अतुल गुप्ता पर हमला किया और उसे मार डाला. शाहजहांपुर में युवक की पिटाई करते हुए बीजेपी नेता का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. राज्य में व्यापारियों की जान को खतरा है. पिछले 15 दिनों में छह व्यापारियों को लूटा गया है.’ उन्होंने कहा कि सपा का एक प्रतिनिधि दल तिवारी और उनकी पत्नी के परिवार से मिलने खगलपुर जाएगा.

परिवार वालों का एक-दूसरे पर आरोप

एक परिवार के पांच सदस्यों की मौत का ये मामला अब एक पारिवारिक झगड़े में बदलता जा रहा है. तिवारी और प्रीति दोनों के परिवार के कुछ सदस्यों ने प्रीति के दो भाइयों पर बेईमानी करने का आरोप लगाया है.

उनके अनुसार, प्रीति की विधवा मां की देखभाल करने के लिए तिवारी पिछले 15 सालों से कौशांबी में रह रहे थे. बताया जा रहा है कि तिवारी ने अपनी पत्नी के दोनों छोटे भाइयों पिंटू और चंद्रशेखर की परवरिश में काफी मदद की थी.

प्रीति की बहन ज्योति ने दिप्रिंट को बताया, ‘राहुल कौशांबी में ही रह रहे थे और यहीं पर उन्होंने लगभग 24 लाख में अपना एक घर बनाया था. 6 जुलाई को मेरे भाई अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ घर में घुस आए और परिवार को जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने घर को जलाने की कोशिश भी थी. इसके पीछे वे ही दोनों हैं. वे यहां आए और सभी की हत्या कर फरार हो गए.’

प्रीति की बहन संगीता तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वे पिछले साल 8-9 जुलाई को कौशांबी में एक शादी में मिले थे. उस समय उन दोनों ने राहुल और उसके परिवार पर हमला किया और उन्हें घर के अंदर बंद कर दिया था.

राहुल की बड़ी बहन नीतू तिवारी ने कहा, ‘पिछले साल जुलाई में (जबरन घर से निकाले जाने के कुछ दिन बाद) जब राहुल घर में बंधी अपनी भैंसों को देखने गया तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. जबरन घुसने पर उसके साथ मार-पिटाई की गई और उसे कमरे में बंद कर दिया गया.”

उन्होंने बताया, ‘जब भाई ने मुझे खबर दी तो मैं स्थानीय चौकी इंचार्ज के साथ वहां पहुंची और किसी तरह से उसे बचाया. वरना वह तो वहीं मारा गया होता.’

नीतू ने कहा कि उसे विश्वास ही नहीं हो रहा कि उसके भाई ने आत्महत्या की है. वह कहती हैं, ‘उसने तो बच्चों को कभी थप्पड़ तक नहीं मारा था. वह उन्हें कैसे मार सकता है?’

उन्होंने आरोप लगाया कि जांच को गुमराह करने के लिए घटनास्थल पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. राहुल के चचेरे भाई ज्ञानेंद्र तिवारी ने दिप्रिंट को बताया कि मृतक बमुश्किल ही कुछ लिख पाता था. यह (सुसाइड नोट) सब कुछ बाद में तैयार कर वहां रखा गया है’

लेकिन प्रीति की मां पार्वती देवी की इस मामले को लेकर अलग ही राय है. उनके मुताबिक राहुल और प्रीति की करीब 16 साल पहले कोर्ट मैरिज हुई थी. उस समय वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में कॉट्र्क्ट पर काम कर रहा था. जब उसका अनुबंध खत्म हो गया तो वह कौशाम्बी आया और अपने ससुराल वालों के साथ रहने लगा.

पार्वती ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि तिवारी ने परिवार की जमीन को अपने नाम करने की कोशिश की और उस संपत्ति के नाम पर कर्ज भी लिया था. उसने उनके घर और संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया था, जिसे लेकर मेरे दो बेटों के साथ राहुल का विवाद रहने लगा. आखिरकार उसे नवंबर 2021 में पुलिस की मदद से हमने घर से बाहर निकाल दिया गया.

‘पत्नी से अनबन से इंकार नहीं किया जा सकता’

दिप्रिंट ने जिन पुलिस अधिकारियों से बात की, उन्होंने बताया कि तिवारी संभवत: घर के छिन जाने से परेशान थे और इस बात को लेकर दंपति के बीच मतभेद भी हो सकते हैं.

सर्कल ऑफिसर आई अजीत कुमार ने दिप्रिंट को बताया, ‘पत्नी के साथ कुछ मतभेदों से इंकार नहीं किया जा सकता है.’

पड़ोसियों ने भी माना कि मृतक घर छिन जाने के बाद काफी परेशान रहने लगा था.

जिस बिल्डिंग में राहुल अपने परिवार के साथ रहते थे, वहीं रहने वाले एक अन्य किरायेदार संदीप कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि मृतक अक्सर अपने घर के बारे में बात करता था.

उन्होंने कहा, ‘इतना बड़ा घर चला गया था तो थोड़ी दिक्कत तो रहती थी… वह अक्सर कहते थे कि मेरा घर चला गया. शुक्रवार की शाम करीब 5 बजे मैंने प्रयागराज में एक शादी में जाने के लिए उनसे बाइक उधार ली थी. वह पशु व्यापार से अच्छी कमाई कर रहे थे.’

यह पूछे जाने पर कि क्या तिवारी और उनकी पत्नी के बीच कोई मतभेद थे, कुमार ने कहा कि कुछ मतभेदों से इंकार नहीं किया जा सकता है और मृतक अपने साथ हुए अन्याय के बारे में बात करता रहता था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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