कोलकाता, 15 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक तथ्यान्वेषी दल ने शुक्रवार को नादिया जिले के हंसखली में उस नाबालिग लड़की के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की जिसकी इस महीने की शुरुआत में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी। दल ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के लिए राज्य प्रशासन की आलोचना भी की।
भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने कहा कि दल के सदस्यों ने परिजनों और स्थानीय लोगों से बात की।
वे अपनी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को सौंपेंगे, जिन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया था।
सूत्रों ने बताया कि दल में पार्टी की उपाध्यक्ष रेखा वर्मा, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन, पार्टी नेता खुशबू सुंदर और पश्चिम बंगाल की विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी शामिल हैं।
परिवार के सदस्यों से मुलाकात के बाद वर्मा ने संवाददाताओं को बताया, “पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ ज्यादती शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी जाती है। यह साबित करता है कि प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहा है। यह एक शर्मनाक घटना है।”
उनके सुर में सुर मिलाते हुए मित्रा चौधरी ने कहा कि दल ने पीड़िता की मां से बात की और मामले में “गैर-जिम्मेदाराना बयान” देने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री खुद एक महिला हैं, यह सुनिश्चित करने के बजाय कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले वह गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रही हैं। क्या मुख्यमंत्री से यह उम्मीद की जाती है? पीड़िता की मां ने परिवार की पीड़ा व्यक्त की। लड़की के परिवार के सदस्यों को किस तरह की धमकी और खौफ का सामना करना पड़ा यह अकल्पनीय है।”
हंसखली में चार अप्रैल को सत्तारूढ़ टीएमसी पंचायत नेता के बेटे द्वारा कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किए जाने के बाद 14 वर्षीय लड़की की मौत हो गई थी। उसके परिवार ने 10 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और दावा किया कि लड़की का शव छीन कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पीड़ित परिवार को आरोपी के परिवार द्वारा कथित तौर पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
वर्मा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोपों को “निराधार” बताया।
उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में राज्य की महिलाएं सुरक्षित हैं। भाजपा पश्चिम बंगाल में दलों को भेजने के लिए बेताब है, लेकिन उत्तर प्रदेश में वह ऐसे दलों को भेजने की जहमत नहीं उठाती है, जहां हाथरस और उन्नाव से बलात्कार के मामले सामने आए थे।”
घोष ने कहा कि तथ्यान्वेषी दल का इरादा राज्य को बदनाम करना और चल रही सीबीआई जांच को प्रभावित करना है।
उन्होंने कहा, “इस तथ्यान्वेषी समिति का उद्देश्य केंद्रीय एजेंसी के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करना है कि कैसे जांच की जानी चाहिए और राज्य सरकार पर कैसे आरोप लगाया जाए। कुछ घटनाएं हुई हैं और वे इसके लिए टीएमसी को दोषी ठहरा रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे पिछले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उनकी हार को अभी तक पचा नहीं पाए हैं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 11 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से नाबालिग लड़की की मौत के कारण पर संदेह व्यक्त किया था हालांकि लड़की के परिवार ने सामूहिक बलात्कार से मौत होने का आरोप लगाया था।
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प्रशांत माधव
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